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Anti Sikh Riots: यूपी के कानपुर में सिख विरोधी दंगों में अब हुआ नया खुलासा, सिखों ने सीएम योगी से की ये मांग

Kanpur Anti Sikh Riots: सिखों की ओर से सीएम योगी से मांग की गई है कि दंगों के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। क्योंकि 35 साल बाद भी अपने परिजनों की भयानक मौत और नष्ट की गई प्रॉपर्टी के मामलों में सिख परिवारों को न्याय नहीं मिला है।

कानपुर। साल 1984 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की उनके दो बॉडीगार्ड्स ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में सिखों के खिलाफ हिंसा शुरू हो गई थी। दिल्ली के अलावा यूपी के कानपुर में रहने वाले सिख परिवार इस हिंसा के सबसे ज्यादा दंश को झेलने वाले बने थे। कानपुर में दंगाइयों ने 100 से ज्यादा सिखों की जान ली थी। दंगों के दौरान पीएम रहे राजीव गांधी के बयान ‘बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है’ की वजह से दंगों ने और भीषण रूप ले लिया था। केंद्र में दूसरी बार पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने यूपी में बीजेपी की सरकार बनने पर कानपुर दंगों की एसआईटी जांच के लिए कहा था। अब इस जांच से नया खुलासा हुआ है। साल 2019 में सिखों के एक दल ने मोदी से मुलाकात की थी। जिसके बाद मोदी ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से एसआईटी बनाकर सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए कहा गया था। अब एसआईटी जांच में पता चला है कि करीब 35 साल पहले हुए सिख विरोधी दंगों में 54 आरोपी थे। इनमें से 14 के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल हुई थी।

इनमें से 30 आरोपियों की उम्र 80 साल से ज्यादा है। जबकि, 2 आरोपियों की मौत भी हो चुकी है। इस बारे में एसआईटी ने योगी सरकार से आगे की कार्रवाई पर निर्देश मांगा है। आरोपियों में से ज्यादातर के बुजुर्ग होने की वजह से इनकी गिरफ्तारी करने से पहले सोचना पड़ रहा है।

वहीं, सिखों की ओर से सीएम योगी से मांग की गई है कि दंगों के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। क्योंकि 35 साल बाद भी अपने परिजनों की भयानक मौत और नष्ट की गई प्रॉपर्टी के मामलों में सिख परिवारों को न्याय नहीं मिला है।