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Lal Krishna Advani’s Health New Update : लालकृष्ण आडवाणी के स्वास्थ्य को लेकर सामने आया नया अपडेट, जानिए अब कैसी है तबियत

Lal Krishna Advani’s Health New Update : आडवाणी को पेशाब में संक्रमण से संबंधित परेशानी के चलते बुधवार रात एम्स में भर्ती कराया गया था। जहां यूरोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा उनका इलाज किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एम्स के डायरेक्टर डा. एम. श्रीनिवास को फोन करके आडवाणी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।

नई दिल्ली। बीजेपी के वयोवृद्ध नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की तबियत अब पहले से बेहतर है और उनको दिल्ली एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है। आडवाणी को पेशाब में संक्रमण से संबंधित परेशानी के चलते बुधवार रात एम्स में भर्ती कराया गया था। जहां यूरोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा उनका इलाज किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एम्स के डायरेक्टर डा. एम. श्रीनिवास को फोन करके आडवाणी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। उन्होंने आडवाणी के परिजनों से भी फोन पर बात की।

96 वर्ष के आडवाणी अब बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते सार्वजनिक जीवन से दूर हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीसरी बार शपथ ग्रहण करने से पहले आडवाणी से उनके घर जाकर मुलाकात की थी और उनका आशीर्वाद लिया था। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते ही आडवाणी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके घर जाकर देश के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे थे। साल 1980 में लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी ने मिलकर बीजेपी का गठन किया।

आडवाणी जब तक सक्रिय रहे उनका नाम न सिर्फ बीजेपी के कद्दावर नेताओं बल्कि भारत के बड़े राजनीतिज्ञों में शुमार रहा। लालकृष्ण आडवाणी को उस वक्त लौह पुरुष कहा जाता था। लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर लालकृष्ण आडवाणी 10 बार सांसद रहे। साल 1990 में आडवाणी ने रामरथ यात्रा निकालकर अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन में नई जान फूंक दी। इसके बाद बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में उनके खिलाफ केस भी चला। 2004 में बीजेपी ने आडवाणी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ा, हालांकि पार्टी बहुमत से दूर रही और आडवाणी प्रधानमंत्री बनने से चूक गए।