
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कोशिश के तहत बीते दिनों विपक्षी दलों ने पटना में बैठक की थी। इस बैठक में अपने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और आपसी मतभेद खत्म करने पर विपक्षी दलों में चर्चा हुई थी। इसके बाद तय हुआ था कि जुलाई में विपक्षी दल अगली बैठक करेंगे। अब जुलाई में विपक्षी दलों की बैठक की तारीख सामने आ गई है। सूत्रों के मुताबिक 14 जुलाई को विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक होगी। पटना में बैठक जेडीयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कराई थी। अब 14 जुलाई की बैठक कांग्रेस कराने जा रही है। हालांकि ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस का टकराव विपक्षी दलों की एकता की राह में बड़ी बाधा बना हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक अभी 14 जुलाई की विपक्षी दलों की बैठक की जगह तय नहीं हुई है। पहले खबर आई थी कि शिमला में विपक्षी दलों के नेता मिलेंगे, लेकिन सूत्रों का कहना है कि बैठक जयपुर में भी कराई जा सकती है। हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की ही सरकारें हैं। ऐसे में इन दोनों में से एक जगह बैठक कराना कांग्रेस के लिए बहुत ज्यादा मुश्किल भी नहीं होगा। अब सबकी नजर इस पर है कि 14 जुलाई को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में आगे की क्या राह तय की जाती है। विपक्षी दलों के गठजोड़ में शामिल सीपीआई के नेता डी. राजा पहले ही गठबंधन के नाम का खुलासा कर चुके हैं। विपक्ष ने अपने गठबंधन को राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक गठबंधन यानी पीडीए का नाम दिया है।
विपक्षी दल एकजुट होकर पीएम मोदी और बीजेपी से लड़ने की कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन इस एकता में पश्चिम बंगाल और दिल्ली की सियासत बड़ा रोड़ा बन सकती है। विपक्षी दलों की बैठक में टीएमसी सुप्रीमो और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी आई थीं। बैठक के कुछ दिन बाद ममता ने बयान दिया कि कांग्रेस और सीपीएम लगातार बीजेपी की मदद कर रही हैं और टीएमसी को सत्ता से हटाना चाहती हैं। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी भी लगातार ममता बनर्जी और टीएमसी पर निशाना साध रहे हैं। वहीं, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) एलान कर चुकी है कि कांग्रेस अगर संसद में दिल्ली संबंधी मोदी सरकार के बिल पर साथ देने की घोषणा करे, तभी वो बैठक में जाएगी। वहीं, कांग्रेस के नेता अजय माकन इस दौरान केजरीवाल पर लगातार निशाना साध रहे हैं। वो केजरीवाल की आप को बीजेपी के साथ भी बता चुके हैं। ऐसे में 14 जुलाई को विपक्षी दलों की बैठक में ममता बनर्जी का रुख क्या रहता है, ये भी देखने वाला है।