निर्भया मामला : तिहाड़ ने कोर्ट से कहा, ‘दोषियों का कोई कानूनी विकल्प लंबित नहीं’

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मेरिट के आधार पर उनकी दया याचिका खारिज की है। मामले के चार दोषी विनय, मुकेश, अक्षय और पवन को 16 दिसंबर, 2012 को 23 वर्षीय साइकोथेरेपी की एक छात्रा के साथ जघन्य दुष्कर्म व हत्या मामले में शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे फांसी की सजा सुनाई गई है।

Avatar Written by: March 19, 2020 2:55 pm
nirbhaya

नई दिल्ली। तिहाड़ जेल अधिकारियों ने गुरुवार को निचली अदालत से कहा कि निर्भया दुष्कर्म मामले के चारो दोषियों के पास अब कोई भी कानूनी विकल्प नहीं बचा है। इससे पहले कोर्ट ने दोषियों की उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दिए जाने के डेथ वारंट को चुनौती दी थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने आदेश को सुरक्षित रख लिया।

tihar Jail Tihad Jail
लोक अभियोजन इरफान अहमद ने अदालत से कहा, “चारों दोषी अपने लंबित कानूनी विकल्पों के आधार पर अपनी फांसी को टलवाने की कोशिश कर रहे थे। अब इन लोगों के पास कोई भी कानूनी विकल्प नहीं बचा है। अक्षय की दूसरी दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था।”

nirbhaya
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मेरिट के आधार पर उनकी दया याचिका खारिज की है। मामले के चार दोषी विनय, मुकेश, अक्षय और पवन को 16 दिसंबर, 2012 को 23 वर्षीय साइकोथेरेपी की एक छात्रा के साथ जघन्य दुष्कर्म व हत्या मामले में शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे फांसी की सजा सुनाई गई है।