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JNU: विवादों में जेएनयू, नॉनवेज खाने और पूजा को लेकर आपस में भिड़े छात्र, जानें पूरा माजरा

ऐसा वामपंथी छात्रोंं का कहना है। वामपंथी छात्रों ने यह भी आरोप लगाया है कि खाने को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद एबीवीपी के छात्रों ने मेस के कर्मचारियों को पीटी है। उधर, मेस के कर्मचारियों का कहना है कि छात्रों की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए दोनों तरह यानी की शाकाहारी और मांसहारी भोजन बनाए जाते हैं।

नई दिल्ली। जेएनयू से खबर है कि छात्रों के बीच खाने को लेकर बहस छिड़ गई। पहले तो यह बहस महज जुबानी अल्फाजों तक सीमित रही, लेकिन देखते ही छात्रों के दो गुट एक-दूसरे को मारने पर उतारू हो गए। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, वामपंथी छात्रों का आरोप है कि एबीवीपी के छात्रों ने उन्हें नॉन वेज खाने से रोका है। जबकि वामपंथी छात्र नॉनवेज खाने की जिद्द पर अड़े हुए थे। एबीवीपी के छात्रों का कहना है कि वामपंथी छात्र उन्हें रामनवमी के मौके पर पूज भी नहीं करने दे रहे हैं। उधर, वामपंथी छात्रों का कहना है कि एबीवीपी के छात्रों ने मेस से भी मारपीट की है। फिलहाल, यूनिवर्सिटी में इस पूरे मसले को लेकर हंगामा जारी है। वामपंथी छात्रों का कहना है कि एबीवीपी के छात्र यूनिवर्सिटी के परिसरों को हिंसात्मका बना दिया है। हालात यहां तक बन चुके हैं कि अब यह लोग खाने का मैन्यू तक बदलने पर जोर दे रहैं। अगर यह सिलसिला यूं ही जारी रहा तो  यूनिवर्सिटी में छात्रों का पढ़ना दुश्वार हो जाएगा।

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ऐसा वामपंथी छात्रोंं का कहना है। वामपंथी छात्रों ने यह भी आरोप लगाया है कि खाने को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद एबीवीपी के छात्रों ने मेस के कर्मचारियों को पीटी है। उधर, मेस के कर्मचारियों का कहना है कि छात्रों की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए दोनों तरह यानी की शाकाहारी और मांसहारी भोजन बनाए जाते हैं। छात्र अपनी सुविधा के मुताबिक दोनों में से किसी का भी चयन कर सकते हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा भी  आएगा  कि खान को लेकर भी यूनिवर्सिट में हिंसात्मक स्थिति बन जाएगा। यह कभी सोचा नहीं था।

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उधर, उक्त मामले को संज्ञान में लेने के उपरांत यूनिवर्सिटी के छात्र संघ ने कहा कि यहां विभिन्न संस्कृतियों से संबंध रखने वाले छात्र अध्य़यन हेतु आते हैं। ऐसे में सभी की संस्कृति का सम्मान किया जाना चाहिए। सभी के खान पान का सम्मान किया जाना चाहिए। यूनिवर्सिटी में लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में कोशिश की जानी चाहिए। किसी भी पर भी अपने विचार नहीं थोपे जाने चाहिए. लेकिन वर्तमान में जिस तरह के कृत्य अखिल भारतीय विधार्थी परिषद द्वारा किए जा रहे हैं, उसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। उधर, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी उक्त प्रकरण को संज्ञान में लेने के उपरांत गुंडागर्डी करने वाले छात्रों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। अब ऐसी स्थिति में यह पूरा मामला क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।