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India-China LAC Tension: विपक्ष लगाता है मोदी सरकार पर चीन को लाल-लाल आंख न दिखाने का आरोप, जानिए इस बात में कितना है दम

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर चीन के मसले पर पीएम मोदी क्या वाकई कुछ नहीं कर रहे और विपक्ष के आरोपों में कितना दम है कि सरकार चीन से डर गई है। भारत और चीन के बीच 2020 में लद्दाख के गलवान घाटी के संघर्ष के बाद तनाव बहुत ज्यादा है। इस खबर को पढ़कर आपको हकीकत का पता चलेगा।

नई दिल्ली। कांग्रेस के राहुल गांधी समेत विपक्ष के नेता लगातार आरोप लगाते हैं कि मोदी सरकार ने लद्दाख में चीन की सेना की हिमाकत के बाद पड़ोसी देश को लाल-लाल आंख नहीं दिखाई। विपक्ष आरोप लगाता है कि पीएम नरेंद्र मोदी चीन के मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं और सरकार कुछ नहीं कर रही है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर चीन के मसले पर पीएम मोदी क्या वाकई कुछ नहीं कर रहे और विपक्ष के आरोपों में कितना दम है कि सरकार चीन से डर गई है। बता दें कि भारत और चीन के बीच 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी के संघर्ष के बाद तनाव बहुत ज्यादा है।

China

चीन के खिलाफ मोदी सरकार ने लद्दाख के एलएसी पर क्या कदम उठाए हैं, ये बताने से पहले आपको याद दिला दें कि 5 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी में चीन के सैनिकों ने घुसपैठ की थी और तब भारतीय सेना के कर्नल बी. संतोष बाबू समेत 20 जवानों ने उनको खदेड़ने में शहादत दी थी। चीन के भी 40 से ज्यादा जवान इस संघर्ष में मारे गए थे। अब सूत्रों ने ये खुलासा किया है कि गलवान में इस घटना के बाद ही मोदी सरकार ने चीन के खिलाफ आक्रामक रुख किस तरह अपनाया और अब भी वहां चीन के खिलाफ सेना की बड़ी टुकड़ियां एलएसी पर भारतीय जमीन की पूरा दम लगाकर रक्षा कर रही हैं।

India and china 1

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत ने 68000 से ज्यादा जवानों को तैनात किया। इसके अलावा वायुसेना के विमानों से 90 टैंक, 330 लड़ाकू वाहन, तोपें, रडार और अन्य हथियार भी एयरलिफ्ट कर पहुंचाए गए। अभी पूर्वी लद्दाख में सेना की पहली और 17वीं माउंटेन स्ट्राइक कोर के जवान भी तैनात हैं। सुखोई एमके-30, जगुआर और राफेल समेत अन्य लड़ाकू विमानों के अलावा पूर्वी लद्दाख में ड्रोन की तैनाती भी हुई है। कुल मिलाकर चीन की सेना की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है। बीते कल ही खबर आई थी कि श्रीनगर और लद्दाख में वायुसेना ने इजरायल में बने हमलावर ड्रोन और मिग-29 विमानों को भी तैनात किया है। इससे साफ है कि चीन के किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करने के लिए मोदी सरकार ने पूरी तैयारी की है। अब आप खुद अंदाजा लगा लीजिए कि विपक्ष के आरोपों में कितना दम है।