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No Confidence Motion: I.N.D.I.A गठबंधन की करारी शिकस्त, मोदी सरकार के आगे ताश के पत्तों की तरह बिखरा विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव

No Confidence Motion: मणिपुर पिछले तीन माह से नस्लीय हिंसा की आग में झुलस रहा है। केंद्र के लाख प्रयास के बावजूद भी पूर्वोत्तर के इस राज्य में शांति स्थापित नहीं हो पाया है। लेकिन, बीते दिनों एक वीडियो सामने आया था, जिसमें विपक्ष को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का मौका दे दिया।

नई दिल्ली। एक बार फिर से विपक्ष का दांव मोदी सरकार पर उल्टा साबित हो गया। मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले विपक्ष को मुंह की पड़ी है, ना महज संख्याबल, बल्कि तर्कों के आधार पर भी विपक्ष का यह अविश्वास प्रस्ताव कमजोर साबित हुआ। लिहाजा मोदी सरकार के खिलाफ लाया गया यह प्रस्ताव ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। आपको बता दें कि साल 2018 यानी की लोकसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले भी विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था, लेकिन उस वक्त भी संख्याबल के अभाव में यह प्रस्ताव ताश के पत्तों की तरह भरभराकर गिर पड़ा था। वहीं, 2023 में भी विपक्ष के इस अविश्वास प्रस्ताव को मोदी सरकार के आगे मुंह की खानी पड़ी है। उधर, लोकसभा में प्रधानमंत्री ने तंजिया लहजे में ही सही, लेकिन बड़ी भविष्यवाणी कर दी। उन्होंने विपक्ष को 2028 में भी अविश्वास प्रस्ताव लाने की हिदायत दे डाली है।

पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग घर में बैठे रहते हैं। ये लोग तैयारी करके सदन में नहीं आते हैं। मैंने इन लोगों को 2018 में पांच साल का समय दिया था कि पूरी तैयारी के साथ आए, लेकिन अफसोस इनकी तैयारी खोखली साबित हुई। ये लोग अपनी तैयारी पूरी नहीं कर सकें। इनकी तैयारी में दम नहीं है। इनकी बातों में दम नहीं है। वही घिसी पिटी, रटी रटाई और पुरानी बातें करते हैं और संसद का समय जाया करते हैं। बता दें कि संख्य़ाबल कम होने की वजह से सदन में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मतदान सरीखी स्थिति पैदा ही नहीं हुई। जिसकेबाद मायूस चेहरे से सदन से लौटे विपक्ष जब मीडिया से मुखातिब हुए, तो किसी ने महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा, तो किसी ने बेरोजगारी तो किसी ने मणिपुर के मुद्दे को लेकर, लेकिन विपक्षी कुनबों को एक बार फिर से सोचना चाहिए कि आखिर उनके मुद्दे मोदी सरकार की राह में रोड़ा नहीं अटका पा रहे हैं।

बता दें कि मणिपुर पिछले तीन माह से नस्लीय हिंसा की आग में झुलस रहा है। केंद्र के लाख प्रयास के बावजूद भी पूर्वोत्तर के इस राज्य में शांति स्थापित नहीं हो पाया है। लेकिन, बीते दिनों एक वीडियो सामने आया था, जिसमें विपक्ष को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का मौका दे दिया। दरअसल, इस वीडियो में कुछ पुरुष दो महिलाओं को नग्न कर उनसे परेड कराते हुए नजर आ रहे थे। हालांकि, पीएम मोदी ने दुख व्यक्त किया था और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही थी।

PM Modi

अब तक इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और वर्तमान में सभी ट्रायल का सामना कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष का हमला इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर कम नहीं हुआ। विपक्ष का बदस्तूर जारी है। इसी मुद्दे को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का मन बनाया है, लेकिन एक बार फिर से विपक्ष का अविश्वास कुचल दिया गया। वहीं, अब लोकसभा चुनाव से ऐन पहले विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव गिरने से निसंदेह विपक्ष का मनोबल भी गिरा है, जो विपक्ष लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट होने की कवायद में जुटा हुआ था। इसके बाद उनकी एकजुटता पर भी अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं।