नई दिल्ली। यूपी, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हाल में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को लगे जोरदार झटके से पार्टी में हाहाकार मच गया है। एक तरफ जी-23 यानी पार्टी से असंतुष्ट नेताओं की बैठक और उसपर उड़ी अफवाह से पार्टी आलाकमान यानी गांधी खानदान के सामने बड़ी मुश्किल है। बीती रात अंग्रेजी न्यूज चैनल एनडीटीवी ने खबर दे दी कि सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी रविवार को कांग्रेस के पदों से इस्तीफा दे सकते हैं। ये खबर आते ही पार्टी में खलबली मच गई। फिर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को सामने आना पड़ा। सुरजेवाला ने ट्वीट कर इस खबर को गलत बताते हुए एनडीटीवी की लानत-मलामत की। वहीं, सोनिया गांधी ने भी आज दो अहम बैठक बुलाई है। सुबह 10 बजे कांग्रेस संसदीय दल की बैठक होनी है। जबकि, शाम 4 बजे कार्यसमिति की बैठक होगी।
The news story of alleged resignations being carried on NDTV based on unnamed sources is completely unfair, mischievous and incorrect.
It is unfair for a TV channel to carry such unsubstantiated propaganda stories emanating from imaginary sources at the instance of ruling BJP.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 12, 2022
उधर, 5 राज्यों में कांग्रेस की घनघोर पराजय और खासकर पंजाब में सत्ता गंवाने के मसले पर पार्टी के कुछ नेता गांधी परिवार के बचाव में सामने भी आ रहे हैं। लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में ये तो माना कि संगठन में कमजोरी से कांग्रेस हारी, लेकिन साथ ही कहा कि गांधी खानदान को कांग्रेस से हटाने का कोई मतलब नहीं है। चौधरी ने कहा कि पंजाब में सत्ताविरोधी लहर थी। वहीं, गोवा के बारे में कहा कि वहां तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी के एजेंट की तरह काम करके वोट बांटे और कांग्रेस की पराजय तय कर दी। कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बात घूम-फिरकर हर बार नेतृत्व की तरफ आती है। वे (गांधी खानदान) हर चीज कबूल करने के लिए तैयार हैं। हमें पार्टी को निचले स्तर पर सुधारना होगा।
वहीं, पंजाब में सत्ता गंवाने पर वहां के दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सारे मामले का ठीकरा चन्नी को चेहरा बनाने और पहले पंजाब कांग्रेस के प्रभारी रहे हरीश रावत पर फोड़ा। सुनील जाखड़ ने कहा कि बीमारी का सही आकलन नहीं हुआ। दवाई गलत दी गई। अगर नवजोत सिंह सिद्धू को मौका मिलता, तो वे बेहतर साबित होते। जाखड़ ने ये भी कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी को एक कार्ड की तरह पेश किया गया। उन्होंने सवाल दागा कि क्या जुआ खेला जा रहा था ? जाखड़ ने हरीश रावत के बारे में कहा कि समस्या के सूत्रधार के साथ उत्तराखंड में न्याय हुआ। रावत साहब की चलाई मिसाइल कांग्रेस पर ही आकर गिरी।