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Karnataka Hijab Row: कर्नाटक कॉलेज के मजहबी अखाड़े में कूदे ओवैसी और उमर, जनता ने पूछे सवाल, ‘क्या चुनावी रंग देने की है कवायद’?

Karnataka Hijab Row: इस बीच ओवैसी ने इस पूरे मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा ।उन्होंने कहा कि वैसो पीएम बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं की बात करते हैं। हर मसले पर अपनी बेबाकी देते हैं, लेकिन अभी तक इस हिजाब विवाद पर उनके द्वारा कुछ न बोला जाना, इस बात को जाहिर करता है कि कर्नाटक की राजनीति हलमों के बीच उन्होंने कुछ भी बोलने से परहेज किया है।

नई दिल्ली। कर्नाटक के उड्डपी जिले में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने की वजह से कॉजेल में प्रवेश नहीं मिलने को लेकर दिनों-दिन विवाद बढ़ता ही जा रहा है। और अब तो यह विवाद सियासी रंग में भी घुलता नजर आ रहा है। हिजाब विवाद को लेकर कांग्रेस नेताओं ने पहले ही अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर दी थी। वहीं अब ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असुद्दीन ओवैसी ने हिजाब विवाद को लेकर ट्विटर पर अपना रिएक्शन दिया है। उन्होंने अपने रिएक्शन में जहां इस मसले को लेकर कर्नाटक की बीजेपी सरकार की आलोचना की है, तो वहीं हिजाब पहनने को अपना संवैधानिक अधिकार बताने वाली मुस्लिम छात्राओं के नाम तारीफों के कसीदे भी पढ़े हैं। इस बीच उन्होंने विवाद से जुड़ी एक हिजाब पहनीं लड़की का वीडियो भी साझा किया जिसके नाम ओवैसी ने तारीफों के पुल भी बांधे हैं। आइए आगे की रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि इस पूरे मसले को  लेकर एआईएमआईएम के प्रमुख ने ट्विटर पर क्या कुछ कहा है।

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जानें हिजाब विवाद पर क्या बोले ओवैसी

तो ओवैसी ने हिजाब विवाद को लेकर ट्विटर पर अपना रिएक्शन देते हुए कहा कि,  ‘मैं प्रार्थना करता हूं कि हिजाब पहनने के अपने अधिकार के लिए लड़ रही हमारी बहनें अपनी लड़ाई में सफल हों। कर्नाटक में संविधान की धारा 15, 19 और 21 का उल्लंघन किया जा रहा है। मैं कर्नाटक की भाजपा सरकार के इस फैसले की निंदा करता हूं।’ बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार करने संभल पहुंचे ओवैसी ने यह वीडियो साझा किया।

वीडियो साझा कर उन्होंने आगे कहा कि  हमारी एक बहादुर बेटी, कर्नाटक में हिजाब पहनकर मोटरसाइकिल से आती है। जैसे ही उसके करीब लोग डराने के लिए नारे मारते हैं… मैं सलाम करता हूं उस बेटी की बहादुरी को…मैं सलाम करता हूं उसे बेटी के मां-बाप को… उस बेटी ने भीड़ के सामने चिल्ला कर कहा-‘ अल्लाहू अकबर’

ओवैसी ने आगे कहा कि इस मिजाज से जाहिर होता है कि अगर तुम आज झुक गए तो हमेशा के लिए झुके रह जाओगे। उन्होंने कहा कि याद रखना कि इसे जम्हूरि सलीके से लड़ना होगा, भीख मांगने से कुछ नहीं होगा।

पीएम मोदी पर भी साधा निशाना

इस बीच ओवैसी ने इस पूरे मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा ।उन्होंने कहा कि वैसो पीएम बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओं की बात करते हैं। हर मसले पर अपनी बेबाकी देते हैं, लेकिन अभी तक इस हिजाब विवाद पर उनके द्वारा कुछ न बोला जाना, इस बात को जाहिर करता है कि कर्नाटक की राजनीतिक हमलों के बीच उन्होंने कुछ भी बोलने से परहेज किया है। क्या पीएम मोदी की यही बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ नीति है।

 

उधर, उमर अब्दुल्ला ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर कहा कि, ‘कितने बहादुर हैं ये पुरुष और एक अकेली लड़की को निशाना बनाते हुए उन्हें कैसे पुरुषार्थ का अनुभव हो रहा है। मुसलमानों के लिए नफरत आज भारत की मुख्यधारा में है और सामान्य बात हो गयी है। अब हम वह देश नहीं रह गए हैं जिसे अपनी विविधता पर गर्व था, हम लोगों को इसकी (विविधता) सजा देना चाहते हैं और उन्हें इससे बाहर निकालना चाहते हैं।’

बता दें कि कर्नाटक सरकार ने हिजाब विवाद को लेकर उपजी स्थिति की वजह से राज्य में अगले तीनों दिनों तक स्कूल और कॉलेज को बंद करने का निर्देश दे दिया है। उधर, सीएम बोम्मई ने स्पष्ट कर दिया है कि अब प्रदेश की आगामी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही स्कूल और कॉलेज खोलने पर विचार किया जाएगा। बता दें कि कुछ दिनों पहले राहुल गांधी ने भी इस पूरे मसले को लेकर मुस्लिम छात्राओं का पक्ष लेते हुए बीजेपी सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि ऐसा करके सरकार मुस्लिम छात्राओं को शिक्षा से वंचित रख रही है।

लेकिन यहां जिस तरह ओवैसी ने यूपी चुनाव के बीच संभल में इस मसले को लेकर उठाया है, उसे लेकर अब उन्हें सियासी गलियारों में निशाने पर लेने की कवयाद शुरू हो चुकी है। सियासी पंडितों की तरफ से उन पर सवाल दागे जा रहे हैं कि आखिर यूपी चुनाव में उड्डपी विवाद का जिक्र क्यों किया जा रहा है या इसे लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर लेने की पीछे उनका क्या मकसद है, जबकि यह राज्य का विषय है और इसके निपटारे की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार के कांधों पर है, तो ऐसे में ओवैसी द्वारा केंद्र सरकार को  निशाने पर लेने का तर्क समझ से परे मालूम पड़ता है और उससे भी ज्यादा अहम सवाल यह है कि आखिर उन्होंने यूपी के चुनावी दंगल में इस मसले का जिक्र क्यों किया ? क्या वे इस मसले के सहारे सूबे के मतदाताओं के ध्रविकरण करने का काम तो नहीं कर रहे हैं।