नई दिल्ली। बेशक पाकिस्तानी रहनुमाओं का पीएम मोदी की आलोचना किए बगैर पेट ना भरतो हो, लेकिन वहां की मीडिया तो भारतीय प्रधानमंत्री की मुरीद ही हो चुकी है। पाकिस्तानी अखबार के हर पन्ने पीएम मोदी की तारीफ में कहे गए हर्फों से लबरेज हैं। जिसे देखकर जरूर पाकिस्तान में मौजूद भारत के आलोचकों का जी जल रहा होगा। खैर, उन बातों को पीछे छोड़ते हुए चलिए पहले मुद्दे पर आते हैं कि आखिर पीएम मोदी की तारीफ में पाकिस्तानी मीडिया ने अब क्या कह दिया है। अब..इसलिए..क्योंकि इससे पहले भी वहां की मीडिया पीएम मोद की तारीफ में कसीदे काढ़ चुकी है।
आपको बता दें कि पाकिस्तानी मीडिया ने भारतीय विदेश नीति की तारीफ की। पाक मीडिया ने कहा कि भारत की मजबूत विदेश नीति का पता इसी से लगाया जा सकता है कि तमाम वैश्विक आपत्तियों की परवाह किए बगैर भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा। खुद भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने वैश्विक मंच पर यहां तक कहने से गुरेज नहीं किया कि हमारे लिए सर्वप्रथम अपने नागरिकों की बुनियादी जरूरतों की पूर्ति करना अनिवार्य है। बाकी सारी बातें गौण हैं।
पाकिस्तानी अखबार ने आगे भारतीय अर्थव्यवस्था की भी तारीफ की। अखबार ने लिखा कि आज की तारीख में भारत ब्रिटेन को पछड़ाकर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। संभव है कि आगामी दिनों में भारत दुनिया की सर्वाधिक बड़ी अर्थव्यवस्था की फेहरिस्त में शुमार हो जाए। अखबार ने पीएम मोदी की कार्यप्रणाली की भी तारीफ की। अखबार ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए लिखा कि पीएम मोदी आज की तारीख में अपने देश को एक ब्रांड एंबेसडर का रूप दे चुके हैं।
इसके अलावा अखबार ने आगे लिखा कि आज निवेशकों के लिए भारत पसंदीदा जगह बन चुका है। जहां सभी निवेश करने के लिए इच्छुक हैं। जाहिर है कि इससे वहां की अर्थव्यवस्था मजबूत बनेगी। वहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा। बेरोजगारी कम होगी। लेकिन इसके उलट पाकिस्तान में स्थिति बदहाल हो चुकी है। यहां बेरोजगारी चरम पर है। उधर, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मुल्क की माली हालत दुरूस्त करने के लिए दूसरों से मदद की फरीयाद कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान की बदकिस्मती देखिए कि उसे कोई कर्ज देने के लिए भी राजी नहीं हो रहा है। अब ऐसे में पाकिस्तान के रहनुमा सियासी मोर्चे पर क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।
आपको बता दें कि पाकिस्तानी अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ में भारत की तारीफ के संदर्भ में लेख रक्षा विशेषज्ञ शहजाद चौधरी ने लिखा है। लेख में उन्होंने जहां भारत की तारीफ की, तो वहीं पाकिस्तान को आईना भी दिखाया। चौधरी ने आगे लिखा कि यूक्रेन युद्ध की वजह से अमेरिका ने रूस पर व्यापारिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं। कोई भी उसके साथ व्यापार नहीं कर सकता है, लेकिन भारत की कूटनीतिक ताकत देखिए कि वह इन तमाम प्रतिबंध को नजरअंदाज कर रूस से तेल खरीदकर पूरी दुनिया को बेचकर डॉलर में पैसा कमा रहा है। यह भारत की कूटनीतिक ताकत नहीं तो और क्या है। लेकिन पाकिस्तान की बेबसी देखिए कि उसे अमेरिका सहित दूसरे विकसित देशों के आगे दंडवत होने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
शहजाद चौधरी ने अपने लेख में आगे लिखा है कि भारत के पास पाकिस्तान की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार ज्यादा है। जहां भारत के पास 600 से अधिक अमेरिकी डॉलर है, तो वहीं पाकिस्तान के पास चार अरब डॉलर ही शेष रह गया है। जिससे पाकिस्तान की आर्थिक व्यवस्था की दयनीय दशा क अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, सैन्य मोर्चे पर भी भारत मजबूत हो चुका है। भारत के पास तीसरी सबसे बड़ी सैन्य ताकत है। जबकि पाकिस्तान के पास ऐसा कुछ भी नहीं है। इसके अलावा वैश्विक अरबपतियों की सूची में अकेले भारत के 140 लोग शामिल हैं। पाक अखबार ने आगे लिखा कि भारत कृषि और औद्योगिक मोर्चे पर भी आगे निकल चुका है। भारत की कृषि प्रणाली भी पाकिस्तान की तुलना में बेहतर है। इसलिए वह अपने लोगों का पेट पाल पा रहा है।
शहजाद चौधरी ने अपने लेख में यह कहने से कोई गुरेज नहीं किया कि आज की तारीख में पाकिस्तान भारत की तुलना में बहुत आगे निकल चुका है। पाकिस्तान की तमाम आपत्तियों के बावजूद भी भारत ने ना महज कई ऐतिहासिक फैसले लिए, बल्कि उसे लागू करके भी दिखाया है। पाकिस्तान की कई आपत्तियों के बावजूद भी भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त करके ही दम लिया। इसके साथ ही आज की तारीख में भारत के कांधों पर कई वैश्विक संगठनों की जिम्मेदारी है। जो इस बात का प्रतीक है कि भारत का कद वैश्विक मंचों पर बढ़ा है।
बता दें कि इससे पहले पूर्व पीएम इमरान खान ने भी पीएम मोदी की तारीफ की थी। उन्होंने भारतीय विदेश नीति की तारीफ की थी। कहा था कि आज की तारीख में भारत की मजबूत विदेश नीति का अंदाजा महज इसी से लगाया जा सकता है कि अमेरिकी आपत्तियों के बावजूद भी भारत रूस से बदस्तूर तेल खरीद रहा है और अमेरिका मूकदर्शक बना हुआ है। इतना ही नहीं, परोक्ष रूप से भारत को अमेरिका का भी साथ मिल रहा है।
हालांकि, पहले भी कई मौकों पर इमरान खान पीएम मोदी की तारीफ कर चुके हैं। अब ऐसी स्थिति में आगामी दिनों में क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। यह देखने वाली बात होगी। बहरहाल, अभी पाकिस्तानी अखबार में पीएम मोदी की तारीफ के संदर्भ में प्रकाशित लेख खासा चर्चा में है। अब इस लेख पर पर पाकिस्तानी रहनुमाओं की क्या प्रतिक्रिया रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।