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Prakash Singh Badal: प्रकाश सिंह बादल का कल होगा अंतिम संस्कार, आज पीएम मोदी देंगे श्रद्धांजलि, बताया था भारत का नेल्सन मंडेला

शिरोमणि अकाली दल के सबसे बुजुर्ग नेता सरदार प्रकाश सिंह बादल की 95 साल की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया था। वो मोहाली के एक हॉस्पिटल में भर्ती थे। प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर को आज जनता के दर्शनों के लिए चंडीगढ़ में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार उनके पैतृक बादल गांव में गुरुवार को किया जाएगा।

चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के सबसे बुजुर्ग नेता सरदार प्रकाश सिंह बादल की 95 साल की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया था। वो मोहाली के एक हॉस्पिटल में भर्ती थे। प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर को आज जनता के दर्शनों के लिए चंडीगढ़ में रखा जाएगा। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी भी दोपहर 12 बजे मोहाली पहुंचकर प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि देंगे। प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार उनके पैतृक बादल गांव में गुरुवार को किया जाएगा। केंद्र सरकार ने अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल के निधन पर एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।

modi and parkash singh badal
पीएम मोदी ने हमेशा प्रकाश सिंह बादल को पितातुल्य सम्मान दिया।

पीएम नरेंद्र मोदी हमेशा प्रकाश सिंह बादल का सम्मान करते थे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उनका पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया था। मोदी ने एक बार प्रकाश सिंह बादल को भारत का नेल्सन मंडेला भी बताया था। पीएम मोदी ने कहा था कि बादल साहब यहां हैं। ये भारत के नेल्सन मंडेला हैं। बादल साहब जैसे लोगों का बस इतना गुनाह था कि सत्ता में बैठे लोगों से उनके विचार अलग थे। बता दें कि प्रकाश सिंह बादल को लंबे समय तक जेल में भी रहना पड़ा था। जिसकी वजह से मोदी ने उनकी तुलना नेल्सन मंडेला से की थी। प्रकाश सिंह बादल सियासत के उन पुरोधाओं में थे, जो अपने विचारों पर अडिग रहे। वो बिना किसी झिझक के फैसले लेने के लिए पहचाने जाते थे। ज्ञानी करतार सिंह को राजनीतिक गुरु मानने वाले प्रकाश सिंह बादल को संघर्ष करने वाला नेता माना जाता रहा।

Modi Prakash Singh Badal

प्रकाश सिंह बादल ने 1969 से 1992 तक हर चुनाव जीता। वो 5 बार पंजाब के सीएम रहे थे। एक बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लोगों ने उनके आवास के बाहर प्रदर्शन का एलान किया। तब बादल ने प्रदर्शनकारियों को परेशानी से बचाने के लिए आवास के बाहर तंबू तक लगवाए थे और उनसे मिलकर समस्याओं के बारे में जाना भी था। प्रकाश सिंह बादल को सिखों की सबसे बड़ी संस्था अकाल तख्त ने फख्र-ए-कौम की उपाधि भी दी थी।