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Rajasthan: फोन टैपिंग मामला गहलोत सरकार के लिए बना जी का जंजाल, कांग्रेस MLA ने लगाए गंभीर आरोप

Rajasthan: दरअसल फोन टैपिंग मामले का विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब एक बार फिर सचिन पायलट अपनी मांगो को लेकर दिल्ली पहुंचे हुए हैं। बता दें कि राजस्थान सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत मिले हैं।

नई दिल्ली।  राजस्थान की कांग्रेस सरकार के लिए फोन टैपिंग का मामला दिन-ब-दिन परेशानी का सबब बनता जा रहा है। बता दें कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर अब कांग्रेस के ही विधायक ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी (Ved Prakash Solanki) ने अपनी ही सरकार पर आरोप लगाया है कि सूबे की सरकार कांग्रेस विधायकों के ही फोन टैप करवा रही है। अपने आरोप में वेद प्रकाश ने कहा है कि, फोन टैपिंग के साथ-साथ राज्य सरकार विधायकों की जासूसी भी करवा रही है। उन्होंने कहा कि कई विधायकों से उनकी इस संबंध में मुलाकात हुई और उन लोगों ने भी कहा कि उनके फोन टैप किए जा रहे हैं। इस मामले को लेकर कुछ विधायक और राज्य सरकार में मंत्री मुख्यमंत्री के सामने भी गए और शिकायत की। हालांकि खुद के फोन की टैपिंग होने को लेकर उन्होंने कहा कि, मुझे नहीं मालूम कि मेरा फोन टैप हो रहा है या नहीं, लेकिन कई विधायक इस दहशत में डरे हुए हैं।

secret phone call

कांग्रेस विधायक सोलंकी बोले कि, विधायकों का कहना है कि इंटेलीजेंस के लोगों को उनके पीछे लगाया गया है। फिलहाल जब सोलंकी से उन विधायकों काे नाम पूछे गए कि आखिर किन विधायकों का फोन टैप हो रहा है तो उन्होंने किसी का भी नाम लेने से मना कर दिया। बता दें कि एक तरफ जहां अशोक गहलोत सरकार सचिन पायलट को लेकर आशंकाओं में है तो वहीं अब फोन टैपिंग मामले में उसकी परेशानी और बढ़ सकती है।

Sachin Pilot And Gahlot

दरअसल फोन टैपिंग मामले का विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब एक बार फिर सचिन पायलट अपनी मांगो को लेकर दिल्ली पहुंचे हुए हैं। बता दें कि राजस्थान सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत मिले हैं। ऐसे में सचिन पायलट चाहते हैं कि CM गहलोत उनके 3 मंत्रियों को मंत्रिमंडल में वापस लाएं। इसी मांग के साथ वो दिल्ली रवाना हुए हैं। हालांकि कुछ सूत्रों का कहना है कि हाईकमान ने सचिन पायलट को पार्टी में महासचिव पद देने की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने इस पद को ठुकरा दिया है। पायलट का कहना है कि, जबतक उनके विधायकों व समर्थकों को राज्य सरकार में हिस्सा नहीं मिलता, तबतक वो खुद कोई भी पद नहीं लेंगे।