नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुजरात और दीव में चक्रवात तौकते (Cyclone Tauktae) से प्रभावित क्षेत्रों का बुधवार को हवाई सर्वेक्षण किया। प्रधानमंत्री मोदी को चक्रवाती तूफान तौकते से तीन बुरी तरह प्रभावित जिलों और केंद्र शासित प्रदेश दीव में भीषण तबाही के मद्देनजर स्थिति का जायजा लेने भावनगर हवाईअड्डे पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार दोपहर करीब 12 बजे भावनगर हवाईअड्डे पर अपने गृह राज्य गुजरात पहुंचे। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों प्रभावित तीन जिलों भावनगर, अमरेली, गिर-सोमनाथ और केंद्र शासित प्रदेश दीव का हवाई मार्ग से स्थिति का जायजा लेने के लिए रवाना हुए। वहीं नुकसान का जायजा लेने के बाद पीएम मोदी ने गुजरात के लिए 1000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया।
पीएम मोदी ने कहा है कि इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप को केंद्र सरकार भेजेगी जो पूरे प्रदेश में हुई नुकसान का जायजा भ्रमण करके लेगी। बता दें कि पीएम मोदी ने कहा कि, केंद्र सरकार चक्रवात से हुए नुकसान की भरपाई और उसे पुनर्निर्माण के लिए राज्य की मदद करेगी। पीएम ने राज्य में कोरोना महामारी के प्रभाव की भी समीक्षा की। राहत पैकेज के अलावा पीएम मोदी ने सभी राज्यों में तूफान की वजह से जान गंवाने वालों के परिजनों को 2 लाख और घायलों के परिजनों को 50 हजार की मुआवजा राशि देने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात और दीव में #CycloneTauktae से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। pic.twitter.com/A287wXVE0T
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 19, 2021
गौरतलब है कि केंद्र की तरफ से चक्रवात से प्रभावित सभी राज्यों को तुरंत राहत देने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि ताउते से प्रभावित सभी राज्य अपने नुकसान का आंकलन जो केंद्र को देंगे उनको केंद्रीय सहायता राशि दी जाएगी। बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी के दौरे को लेकर सीएम रूपाणी ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावनगर पहुंच गए हैं। वह चक्रवात तौकते से प्रभावित अमरेली, गिर सोमनाथ और भावनगर जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।’’
बता दें कि इस चक्रवाती तूफान की वजह से राज्य में विशेष रूप से बागवानी जैसी प्रमुख फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। आम, केले और नारियल की लगभग पूरी फसल नष्ट हो गई है। इस दौरान हुई घटनाओं में करीब 13 लोगों की मौत भी हुई है। वहीं तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ, बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा।