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PMO Officers Reach Uttarkashi Tunnel Collapse Spot: उत्तरकाशी के सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के काम पर पीएम मोदी की नजर, अपने दफ्तर के 2 अफसर मौके पर भेजे

उत्तरकाशी में जिस जगह सिलक्यारा सुरंग बन रही है, वहां पहाड़ कच्चे हैं। इन कच्चे पहाड़ों से मिट्टी और चट्टानें गिरती रहती हैं। बीते रविवार को तड़के इसी तरह सुरंग में चट्टानें और मिट्टी गिरकर रास्ता बंद हो गया। मजदूर करीब 60 मीटर तक गिरे मलबे के पीछे रह गए। उनको निकालने की कोशिश जारी है।

उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को रेस्क्यू करने का काम जारी है। मजदूरों को सकुशल सिलक्यारा सुरंग से निकालने के लिए तमाम कोशिशें बीते रविवार से ही चल रही हैं। इन कोशिशों के तहत अमेरिका में बनी ऑगर मशीन भी लगाई गई, लेकिन इस मशीन की बियरिंग में दिक्कत आने से शुक्रवार को मजदूरों तक पहुंचने के लिए 900 मिलीमीटर की पाइपलाइन डालने का काम रोकना पड़ा। एक और ऑगर मशीन अब इंदौर से पहुंच रही है। इस मशीन के आने के बाद बाकी के 40 मीटर मलबे को काटकर पाइपलाइन को बिछाने का काम शुरू किया जाएगा। वहीं, सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के काम पर खुद पीएम नरेंद्र मोदी नजर बनाए हुए हैं। मोदी ने हादसे के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को फोन कर हरसंभव कदम उठाकर मजदूरों को बचाने के लिए कहा था। अब मोदी ने अपने दफ्तर के दो अफसरों मंगेश घिल्डियाल और भास्कर खुल्बे को मौके पर भेजा है। उत्तरकाशी में सुरंग वाली जगह दोनों अफसर पहुंच गए हैं।

उत्तरकाशी में जिस जगह सिलक्यारा सुरंग बन रही है, वहां पहाड़ कच्चे हैं। इन कच्चे पहाड़ों से मिट्टी और चट्टानें गिरती रहती हैं। बीते रविवार को तड़के इसी तरह सुरंग में चट्टानें और मिट्टी गिरकर रास्ता बंद हो गया। मजदूर करीब 60 मीटर तक गिरे मलबे के पीछे रह गए। इन 41 मजदूरों को निकालने के लिए तभी से जद्दोजहद जारी है। मजदूरों को पहले बिछाई गई पानी की पाइपलाइन के जरिए भोजन और ऑक्सीजन भेजा जा रहा है। वॉक-टॉकी के जरिए सभी से संपर्क बना हुआ है। कुछ मजदूरों के परिजन भी मौके पर पहुंचे हैं। उनकी बात मजदूरों से कराई गई है। फिलहाल सभी मजदूरों की हालत ठीक होने की बात कही जा रही है, लेकिन सुरंग का और हिस्सा भूस्खलन की चपेट में न आए, इसके लिए इन फंसे हुए मजदूरों को तत्काल वहां से निकालना बहुत जरूरी है।

uttarakhand tunnel

उत्तराखंड में चारधाम के लिए ऑल वेदर रोड बनाने का काम चल रहा है। जिन रास्तों से होकर हाइवे बनाए जा रहे हैं, वहां भूस्खलन काफी होता है। पहाड़ों का सीना चीरकर इसी वजह से सुरंगों को बनाया जा रहा है, ताकि गाड़ियों को हर वक्त निकाला जा सके। साथ ही चीन के साथ एलएसी होने के कारण ये ऑल वेदर रोड काफी महत्वपूर्ण भी हैं। इन सड़कों के बन जाने से भारतीय सेना को भी एलएसी तक बिना दिक्कत पहुंचने में आसानी होगी।