नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी आज भारत के प्रधानमंत्री हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मिली बंपर जीत के बाद उन्हें इस पद से विभूषित किया गया था। इसके बाद 2019 के चुनाव में भी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की। यही नहीं, पीएम मोदी की अगुवाई में पार्टी ने कई छोटे-बड़े चुनावों में जीत का परचम लहराकर विपक्षी खेमों में खलबली मचाई है। हाल ही में संपन्न हुए तीन राज्यों के चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए देश की सर्वाधिक पुरानी पार्टी कांग्रेस को हार का स्वाद चखाते हुए जीत का ताज अपने नाम किया। जिसका श्रेय भी पीएम मोदी को ही गया, लेकिन प्रधानमंत्री ने इसे कार्यकर्ताओं की जीत करार दिया। उधर, आज सुबह हुई बीजेपी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए भी प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास दिलाया कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने जा रही है।
इसके अलावा उन्होंने संसद में हंगामा काट रहे विपक्षियों को नसीहत देते हुए कहा कि वो अपनी हरकतों से बाज आ जाए। अन्यथा उन्हें 2024 में भी विपक्ष की भूमिका निभानी होगी। वहीं, आज विपक्षी दलों की बैठक हुई, लेकिन सभी विपक्षी नेता निरुत्साहित नजर आए। प्रधानमंत्री पद के लिए खरगे के नाम प्रस्तावित किया गया, जिस पर नीतीश और लालू ने नाराजगी जाहिर की है, तो कुल मिलाकर आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत राह तय मानी जा रही है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आज इस पार्टी ने जो मुकाम हासिल किया, पहले कभी उसकी राह में कई कांटे थें।
असंख्य कार्यकर्ताओं ने जनसंघ के जमाने से पार्टी को इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए अपना सर्वत्र न्योछावर किया है। उन्हीं एक कार्यकर्ताओं में एक हैं नरेंद्र मोदी, जो कि आज भारत के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हैं, लेकिन उनके लिए यह सफर तय कर पाना आसान नहीं था। पहले एक मामूली कार्यकर्ता की हैसियत से संघ से जुड़े। इसके बाद उनकी कर्तव्यनिष्ठा को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने उन्हें कई अहम पदों की जिम्मेदारी दी, जिसका उन्होंने कर्तव्यनिष्ठा के साथ निर्वहन किया, तो शीर्ष नेतृत्व का उनके प्रति विश्वास बढ़ा। आगे चलकर नरेंद्र मोदी द्वारा अर्जित किया गया इसी विश्वास ने उनके लिए सफलता के द्वार खोले। संघ और संगठन के द्वारा उन्हें जो भी कार्य सौंपे गए, उसका उन्होंने बखूबी निर्वहन किया। आज भी जब कभी उन्हें मौका मिलता है, तो वो पुराने समय की बातों का जिक्र कर नई पीढ़ी ऊर्जा का संचार करते हैं।
Throwback: A picture of a young @narendramodi listening intently to a speech with a camera in front of him.
In an era when cameras were primarily confined to photo studios, a young karyakarta Narendra Modi is seen carrying one, even in those early days!
Right from his initial… pic.twitter.com/QjUQh5iM7A
— Modi Archive (@modiarchive) December 19, 2023
इस बीच वर्षों पुरानी उनकी एक तस्वीर सामने आई है, जो कि अभी सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है। इस तस्वीर में नरेंद्र मोदी काफी युवा नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि ऐसे युग में जब कैमरे मुख्य रूप से फोटो स्टूडियो तक ही सीमित थे, उन शुरुआती दिनों में भी एक युवा कार्यकर्ता नरेंद्र मोदी को कैमरे के साथ देखा जाता है! एक सेवक और कार्यकर्ता के रूप में अपने शुरुआती दिनों से ही, नरेंद्र मोदी ने प्रौद्योगिकी की गहन व्यावहारिक समझ का प्रदर्शन किया। जैसे-जैसे समय विकसित हुआ और प्रौद्योगिकी आगे बढ़ी, वैसे-वैसे नरेंद्र मोदी भी आगे बढ़े। वह भारत के उन शुरुआती अग्रदूतों में से थे जिन्होंने मैनुअल से डिजिटल कैमरों में बदलाव को अपनाया। प्रौद्योगिकी के प्रति नरेंद्र मोदी का उत्साह और सबसे आगे रहने की उनकी क्षमता एक सच्ची प्रेरणा के रूप में काम करती है। आज, भारत तकनीकी रूप से अद्यतन रहने की उनकी जन्मजात क्षमता का लाभ उठा रहा है। फिलहाल, यह तस्वीर अभी खासा चर्चा में है, जिस पर लोग अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं।