नई दिल्ली। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी की जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि, बंगाल में जो सरकारें रहीं, उनके कुशासन ने आसनसोल को कहां से कहां पहुंचा दिया। जहां लोग चाकरी के लिए आते थे, आज यहां से लोग पलायन हो रहे हैं। मां-माटी-मानुष की बात करने वाली दीदी ने यहां हर तरफ माफिया राज पहुंचा दिया है। इस चुनाव में आपका एक वोट सिर्फ टीएमसी को साफ नहीं करेगा बल्कि आपका एक वोट यहां से माफिया राज को भी साफ करेगा।
इस दौरान पीएम मोदी ने कूचबिहार हिंसा पर ममता बनर्जी के वायरल ऑडियो को लेकर जमकर खरी खोटी भी सुनाई। उन्होंने कहा कि, कूचबिहार में जो हुआ, उस पर कल एक ऑडियो टेप आपने सुना होगा। 5 लोगों की दुखद मृत्यु के बाद दीदी किस तरह राजनीति कर रही हैं, ये इस ऑडियो से सामने आता है। इस ऑडियो में कूचबिहार के टीएमसी नेता को कहा जा रहा है कि मारे गए लोगों के शवों के साथ रैली करो। उन्होंने आगे कहा कि दीदी, वोटबैंक के लिए कहां तक जाएंगी आप? सच्चाई ये है कि दीदी ने कूचबिहार में मारे गए लोगों की मृत्यु से भी अपना सियासी फायदा करने की सोची। शवों पर राजनीति करने की दीदी को बहुत पुरानी आदत है।
दीदी, वोटबैंक के लिए कहां तक जाएंगी आप? सच्चाई ये है कि दीदी ने कूचबिहार में मारे गए लोगों की मृत्यु से भी अपना सियासी फायदा करने की सोची। शवों पर राजनीति करने की दीदी को बहुत पुरानी आदत है: पीएम मोदी https://t.co/p0vbbRwrma
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 17, 2021
उन्होंने कहा कि, दीदी ने बीते 10 सालों में विकास के नाम पर आपके साथ विश्वासघात किया है, दीदी विकास के हर काम में दीवार बनके खड़ी हो गईं। केंद्र सरकार ने 5 लाख के मुफ़्त इलाज की सुविधा दी तो दीदी दीवार बन गईं, केंद्र ने शरणार्थियों की मदद के लिए कानून बनाया तो दीदी इसका भी विरोध करने लगीं।
पीएम मोदी ने कहा कि, कोरोना पर पिछली दो बैठकों में बाकी मुख्यमंत्री आए, लेकिन दीदी नहीं आईं। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल में बाकी मुख्यमंत्री आए, लेकिन दीदी नहीं आईं। मां गंगा की सफाई के लिए देश में इतना बड़ा अभियान शुरू हुआ लेकिन दीदी उससे संबंधित बैठक में भी नहीं आईं।
पीएम मोदी ने कहा कि, दीदी की आंखों पर अहंकार का पर्दा चढ़ा हुआ है। दीदी की राजनीति सिर्फ विरोध और गतिरोध तक सीमित नहीं है बल्कि दीदी की राजनीति प्रतिशोध की खतरनाक सीमा को भी पार कर गई है। बीते 10 साल में बीजेपी के अनेक कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है।