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कृषि कानूनों को लेकर उठे सवाल- “हमने मांगा नहीं तो दिया क्यों”, PM मोदी ने कहा- “ये लोकतंत्र की सोच नहीं..”

Farm Laws: किसानों से कृषि कानूनों को लेकर पीएम मोदी(PM Modi) ने कहा कि, “कानून बनने के बाद किसी भी किसान से मैं पूछना चाहता हूं कि पहले जो हक और व्यवस्थाएं उनके पास थी, उनमें से कुछ भी इस नए कानून ने छीन लिया है क्या?

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में किसान कानूनों को लेकर बुधवार को ऐसी तमाम बातें कहीं जो किसानों को कृषि कानूनों को लेकर सरकार की मंशा को स्पष्ट करती है। दरअसल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पूरी होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन के सामने अपना जवाब दे रहे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में  किसान कानूनों पर चल रहे सवालों पर कहा कि, “मैं हैरान हूं पहली बार इस तरह का एक नया तर्क आया है कि हमने मांगा नहीं तो आपने दिया क्यों। दहेज हो या तीन तलाक, किसी ने इसके लिए कानून बनाने की मांग नहीं की थी, लेकिन प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक होने के कारण कानून बनाया गया। मांगने के लिए मजबूर करने वाली सोच लोकतंत्र की सोच नहीं हो सकती है।” PM मोदी ने कहा कि, हमारे यहां एग्रीकल्चर समाज के कल्चर का हिस्सा रहा है। हमारे पर्व, त्योहार सब चीजें फसल बोने और काटने के साथ जुड़ी रही हैं। हमारा किसान आत्मनिर्भर बने, उसे अपनी उपज बेचने की आजादी मिले, उस दिशा में काम करने की आवश्यकता है।

PM Narendra Modi

निवेश बढ़ेगा, रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे

उन्होंने कहा कि, कृषि के अंदर जितना निवेश बढ़ेगा, उतना ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। हमने कोरोना काल में किसान रेल का प्रयोग किया है। यह ट्रेन चलता-फिरता एक कोल्ड स्टोरेज है। दूसरा महत्वपूर्ण काम जो हमने किया है वो यही 10,000 FPOs बनाने का। ये छोटे किसानों के लिए एक बहुत बड़ी ताकत के रूप में उभरने वाले हैं। महाराष्ट्र में FPOs बनाने का विशेष प्रयोग हुआ है।केरल में भी कम्युनिस्ट पार्टी के लोग काफी मात्रा में FPO बनाने के काम में लगे हुए हैं। ये 10,000 FPOs बनने के बाद छोटे किसान ताकतवर बनेंगे, ये मेरा विश्वास है।

किसानों से पूछा सवाल

किसानों से कृषि कानूनों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि, “कानून बनने के बाद किसी भी किसान से मैं पूछना चाहता हूं कि पहले जो हक और व्यवस्थाएं उनके पास थी, उनमें से कुछ भी इस नए कानून ने छीन लिया है क्या? इसका जवाब कोई देता नहीं है, क्योंकि सबकुछ वैसा का वैसा ही है।”

PM Narendra Modi

“प्राइवेट सेक्टर का योगदान भी जरूरी”

सरदार पटेल का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, “सरदार पटेल कहते थे कि- “स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी यदि परतंत्रता की दुर्गंध आती रहे, तो स्वतंत्रता की सुगंध नहीं फैल सकती।” जब तक हमारे छोटे किसानों को नए अधिकार नहीं मिलते तब तक पूर्ण आजादी की उनकी बात अधूरी रहेगी। देश का सामर्थ्य बढ़ाने में सभी का सामूहिक योगदान है। जब सभी देशवासियों का पसीना लगता है, तभी देश आगे बढ़ता है। देश के लिए पब्लिक सेक्टर जरूरी है तो प्राइवेट सेक्टर का योगदान भी जरूरी है। आज मानवता के काम देश आ रहा है तो इसमें प्राइवेट सेक्टर का भी बहुत बड़ा योगदान है।”

PM Modi

“किसान आंदोलन को मैं पवित्र मानता हूं”

उन्होंने कहा कि, किसान आंदोलन को मैं पवित्र मानता हूं। भारत के लोकतंत्र में आंदोलन का महत्व है, लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए अपवित्र करने निकल पड़ते हैं तो क्या होता है? दंगा करने वालों, सम्प्रदायवादी, आतंकवादियों जो जेल में हैं, उनकी फोटो लेकर उनकी मुक्ति की मांग करना, ये किसानों के आंदोलन को अपवित्र करना है। किसानों के पवित्र आंदोलन को बर्बाद करने का काम आंदोलनकारियों ने नहीं, आंदोलनजीवियों ने किया है। इसलिए देश को आंदोलनकारियों और आंदोलनजीवियों के बारे में फर्क करना बहुत जरूरी है।