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Ahmedabad:PM मोदी ने किया खेल महाकुंभ का उद्घाटन, किए एक तीर से दो निशान, भाई-भतीजावाद का जिक्र कर कही ये बात

Ahmedabad: दरअसल, पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब खेल जगत में भारत की पहचान सिर्फ 1-2 खेलों के भरोसे टिकी थी। जिसके कारण जो खेल देश की पहचान और गौरव से जुड़े थे उन्हें भी भुला दिया गया। इस वजह से खेलों से जुड़े संसाधन बढ़ाने, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर जितना ध्यान देना चाहिए था वो रूक गया था।

नई दिल्ली। अगर आप भी पीएम मोदी के हर कार्यक्रमों में उनके द्वारा दिए गए संबोधन को ध्यान से सुनते होंगे, तो आपने एक बात जरूर गौर की होगी कि वे हर मसले में सियासी एंगल जरूर तलाश लेते हैं। और उसी सियासी एंगल के सहारे वे लगे हाथों देश की सबसे पुरानी कांग्रेस की ऐसी क्लास लगाते हैं कि अगली सुबह आप उन्हें गर्मागर्म चाय की चुस्की के साथ बड़े ही चाब से पढ़ रहे होते हैं। तो आप फिर से पीएम मोदी द्वारा कांग्रेस की लगाई गई क्लास के संदर्भ में उनकी सुर्खियों को पढ़ने के लिए तैयार हो जाइए, क्योंकि चुनावी राज्यों में जीत का परचम लहराने के बाद अहमदाबाद स्थित सरदार पटेल स्टेडियम में खेल महाकुंभ का उद्धाटन करने पहुंचे पीएम मोदी ने अपने संबोधनकाल में कांग्रेस के खिलाफ सियासी एंगल निकालकर देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस समेत लगे हाथों उन सभी सियासी दलों की खिंचाई कर दी, जो परिवारवादी और भाई भतीजावाद की राजनीति को पल्लवित करने को अपना मूल कर्तव्य समझते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर खेल महाकुंभ का उद्धघाटन करने पहुंचे पीएम मोदी ने आखिर कैसे देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की खिंचाई कर दी है। आखिर कैसे खेल जैसे मसले में भी कांग्रेस के खिलाफ मुद्दा निकाल सकते हैं। तो इसके लिए आपको सबसे पहले उनका संबोधन सुनना होगा। तो आइए जानते हैं कि आखिर अहमदाबाद खेल महाकुंभ का उद्धघाटन करने पहुंचे पीएम मोदी ने क्या कुछ कहा?

क्या कुछ बोले पीएम मोदी

संबोधन के शुरूआती काल तक में पीएम मोदी के बोल नरम ही रहे। खेल महाकुंभ का उद्धघाटन करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे सामने युवा जोश का ये सागर, ये उमंग साफ बता रही हैं कि गुजरात का नौजवान आसमान छुने के लिए तैयार हैं। ये ना केवल खेलों का महाकुंभ है बल्कि ये गुजरात की युवा शक्ति का भी महाकुंभ है। मैं आप सभी युवाओं को 11वें खेल महाकुंभ के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

उन्होंने कहा कि मैं गुजरात सरकार को विशेष रूप से यश्स्वी CM भूपेंद्रभाई पटेल को भी इस भव्य आयोजन के लिए बधाई देता हूं। कोरोना के कारण 2 साल तक खेल महाकुंभ पर ब्रेक लगा रहा लेकिन भूपेंद्रभाई ने जिस भव्यता के साथ इस आयोजन को शुरू किया, उसने युवाओं में एक नया जोश भर दिया है।

कैसे निकाला पीएम मोदी ने सियासी एंगल

दरअसल, पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब खेल जगत में भारत की पहचान सिर्फ 1-2 खेलों के भरोसे टिकी थी। जिसके कारण जो खेल देश की पहचान और गौरव से जुड़े थे उन्हें भी भुला दिया गया। इस वजह से खेलों से जुड़े संसाधन बढ़ाने, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर जितना ध्यान देना चाहिए था वो रूक गया था। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं जैसे राजनीति में भाई भतीजावाद घुस गया है वैसे ही खेल जगत में भी खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता की कमी एक बहुत बड़ा फैक्टर थी। खिलाड़ियों की सारी प्रतिभा परेशानियों से जूझने में ही निकल जाती थी। उस भवर से निकल कर भारत के युवा आज आसमान छू रहे हैं। तो अगर आपने गौर किया हो तो पीएम मोदी ने यहां पर भाई भतीजावाद का जिक्र किया है, जिसका सीधा तात्पर्य है कि उन्होंने लगे हाथों में खेल जगत में पल्लवित हो रहे परिवारवादी और भाई भतीजावाद की नब्ज को पकड़कर लगे हाथों एक ही तीर से न जाने कितने ही निशाने कर डाले हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि 2010 में पहले खेल महाकुंभ में ही गुजरात ने 16 खेलों में 13 लाख खिलाड़ियों के साथ इसका आरंभ किया था। मुझे भूपेंद्र भाई ने बताया कि 2019 में हुए खेल महाकुंभ में ये भागीदारी 13 लाख से 40 लाख युवाओं तक पहुंच गई थी। उन्होंने आगे कहा कि मुझे याद है 12 साल पहले 2010 में गुजरात के मुख्यमंत्री के नाते मैंने अपने कार्यकाल में खेल महाकुंभ की शुरूआत की थी। आज मैं कह सकता हूं कि जिस सपने का बीज मैंने बोया था आज वो वट वृक्ष बनता दिखाई दे रहा है। उस बीज को मैं आज वट वृक्ष का आकार लेता हुआ देख रहा हूं। तो आपका पीएम मोदी का संबोधन के बारे में क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा।