मेरठ। बीजेपी और एनडीए की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी आज चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। पीएम मोदी ने बीजेपी और एनडीए के पक्ष में प्रचार अभियान की शुरुआत मेरठ से करना तय किया है। मेरठ में पीएम मोदी की महारैली में बीजेपी से यूपी में जुड़े सभी दलों के नेता भी मौजूद रहेंगे। खासकर आरएलडी चीफ जयंत चौधरी का इस रैली में शामिल होना बहुत अहम है। जयंत चौधरी बीते दिनों ही विपक्ष के गठबंधन को छोड़कर बीजेपी के साथ आए हैं। उनके अलावा मोदी की रैली में अपना दल प्रमुख और केंद्र में मंत्री अनुप्रिया पटेल, सुभासपा अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर और योगी सरकार में मंत्री के अलावा निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद भी रहने वाले हैं।
बीजेपी और एनडीए के लिए यूपी का ये इस पश्चिम हिस्से की लोकसभा सीटें बहुत अहम हैं। इन सीटों में से ज्यादातर जो पार्टी जीतती है, वो मैदान मारती रहती है। अगर 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें, तो पश्चिमी यूपी की 28 लोकसभा सीटों में से 19 को बीजेपी ने जीता था। बीएसपी के 5 लोकसभा उम्मीदवार पश्चिमी यूपी में सफल रहे थे। वहीं, समाजवादी पार्टी को 4 सीटों पर जीत मिली थी। उस बार समाजवादी पार्टी और बीएसपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। इस बार बीएसपी और समाजवादी पार्टी अलग हैं और आरएलडी को जयंत चौधरी विपक्ष के खेमे से बीजेपी के साथ ले आए हैं।
जयंत चौधरी जाट हैं और अपने दादा चौधरी चरण सिंह और पिता चौधरी अजित सिंह के नाम के साथ समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं। चौधरी चरण सिंह को बीजेपी सरकार ने भारत रत्न का सबसे बड़ा सम्मान दिया है। इस सम्मान और जयंत चौधरी का साथ लेकर बीजेपी और एनडीए पश्चिमी यूपी में सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने की कोशिश में जुटे हैं। पश्चिमी यूपी में आबादी का गणित देखें, तो यहां 26 फीसदी मुस्लिम हैं। जबकि, दलित 25 फीसदी और जाट समुदाय की आबादी 20 फीसदी है। जाहिर है, ज्यादातर सीटों पर प्रत्याशियों की जीत और हार में दलितों और जाट समुदाय का बहुत हाथ होता है। अब सबकी नजर इस पर है कि पश्चिमी यूपी में आरएलडी को साथ लेने से बीजेपी को किस तरह का फायदा होता है। बीजेपी और एनडीए ने पहले ही यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों को जीतने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पश्चिमी यूपी में विपक्ष का सूपड़ा पूरी तरह साफ करना बहुत ही अहम होने वाला है।