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No Confidence Motion: मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिरा

Paliament: पिछले तीन दिनों से संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर जारी है। चर्चा के पहले दिन कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई ने अपना जारी किया था। वहीं, चर्चा के आखिरी दिन यानी की आज प्रधानमंत्री अपना जवाब देंगे। जिस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

नई दिल्ली। एक बार फिर से विपक्ष का दांव पीएम मोदी पर उल्टा साबित हो गया। दरअसल, विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव सदन से संख्याबल के अभाव में खारिज कर दिया गया है। विपक्ष ना महज संख्याबल के लिहाज से कमजोर साबित हुआ, बल्कि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में उसके द्वारा सदन में पेश किए गए तर्कों को भी मोदी सरकार खोखले साबित करने में सफल साबित हुई। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विपक्ष के इस अविश्वास को उसकी हताशा करार दिया। हालांकि, इससे पहले 2018 में भी विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी, तब भी संख्याबल के अभाव में वो पारित नहीं हो पाया था।  आज प्रधानमंत्री ने तंज कसते हुए कहा था कि विपक्ष साल 2028 में भी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी।  वहीं, आज सदन में क्या कुछ कहा। जानने के लिए पढ़िए न्यूज रूम का ये लाइव ब्लॉग।



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वहीं, सदन में बदजुबानी करने के आरोप में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के प्रस्ताव पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शेष सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया है। दरअसल, अधीर ने मणिपुर मुद्दे को लेकर पीएम मोदी की तुलना धृतराष्ट्र से की थी। इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब में पीएम मोदी ने अधीर पर तंज कसते हुए कहा था कि ये कांग्रेस ने अधीर की क्या हालत कर दी।

मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में अपनी तर्कें नहीं रख पाईं  जिसका नतीजा यह हुआ कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सर्वसम्मति से इसे खारिज कर दिया, जिसे अब राजनीतिक गलियारों में विपक्ष के लिए आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व बड़ा झटका माना जा रहा है।

 

प्रधानमंत्री ने सदन में कहा कि, ”’मणिपुर में तब किसकी सरकार थी जब सब कुछ उग्रवादी संगठनों की इच्छा के मुताबिक होता था? मणिपुर में तब किसकी सरकार थी जब सरकारी दफ्तरों में महात्मा गांधी की तस्वीर लगाने की इजाजत नहीं थी, जब मणिपुर में सरकारी दफ्तरों में महात्मा गांधी की तस्वीर लगाने की इजाजत नहीं थी तो किसकी सरकार थी? स्कूलों में राष्ट्रगान की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया गया?…उनका (विपक्ष का) दर्द चयनात्मक है। वे राजनीति से परे नहीं सोच सकते…”

वहीं, प्रधानमंत्री ने आगे अपने संबोधन में नॉर्थ ईस्ट को लेकर विपक्ष को आईना दिखाया। पीएम मोदी ने कहा कि, ‘”…5 मार्च 1966 को कांग्रेस ने अपनी वायु सेना से मिजोरम में असहाय नागरिकों पर हमला करवाया था। कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि क्या वह किसी अन्य देश की वायु सेना थी। क्या मिजोरम के लोग मेरे देश के नागरिक नहीं थे? क्या उनकी सुरक्षा भारत सरकार की ज़िम्मेदारी नहीं है?…”

पीएम मोदी ने मणिपुर मुद्दे पर सदन में पहली बार अपना बयान दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘मणिपुर पर चर्चा करने का विपक्ष का कोई इरादा नहीं है। मणिपुर की स्थिति पर अमित शाह ने सबकुछ बताया। मणिपुर में अदालत का एक फैसला आया है और उसके पक्ष और विपक्ष में जो स्थितियां बनी हैं, उससे स्थिति हिंसात्मक हो गई। महिलाओं के साथ जो गंभीर अपराध हुआ, वो  अक्षम्य है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है और मैं देश के सभी नागरिकों को आश्वस्त करनता हूं कि जिस तरह प्रयास हो रहे हैं, उसे देखते हुए शांति का सूरज जरूर उगेगा वहां। प्रधानमंत्री ने आगे अपने बयान में कहा कि, ‘ मैं मणिपुर के लोगों से भी आग्रहपूर्वक कहना चाहता हूं। मैं वहां की माताओं बेटी से कहना चाहता हूं, देश आपके साथ है। ये सदन आपके साथ है। हम सब मिल करके के इस चुनौती का समाधान निका्लेंगे। मैं मणिपुर के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि मणिपुर फिर विकास की राह पर तेज गति से आगे बढ़ेगा।

पीएम मोदी ने आगे अपने संबोधन में कहा कि, ‘पीएम मोदी कहते हैं, “जरा उन लोगों से पूछें जो बाहर गए हैं, कच्चातिवु क्या है? और यह कहां स्थित है? डीएमके सरकार, उनके सीएम मुझे लिखते हैं – मोदी जी कच्चातिवु को वापस लाओ। यह एक द्वीप है लेकिन इसे दूसरे देश को किसने दिया।” क्या यह मां भारती का हिस्सा नहीं था? यह इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ…”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, “…मैं कांग्रेस की परेशानियों को समझ सकता हूं। वर्षों से, वे बार-बार एक असफल उत्पाद लॉन्च करते रहे हैं। लॉन्चिंग हर बार विफल हो जाती है। नतीजा यह है कि मतदाताओं के प्रति उनकी नफरत पहुंच गई है।” यह चरम पर है। लॉन्चिंग विफल हो गई और उनके मन में मतदाताओं के प्रति नफरत है। लेकिन पीआर वाले ‘मोहब्बत की दुकान’ का प्रचार करते हैं। इसलिए, देश के लोग कह रहे हैं, ‘ये है लूट की दुकान, झूठ का बाजार’…”

प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘पीएम नरेंद्र मोदी कहते हैं, ”मैं विपक्ष के साथ अपनी सहानुभूति व्यक्त करना चाहता हूं क्योंकि कुछ दिन पहले आपने बेंगलुरु में यूपीए का अंतिम संस्कार किया था. एक तरफ आप अंतिम संस्कार कर रहे थे लेकिन आप जश्न भी मना रहे थे और जश्न भी किस” चीज का- खंडहर पर नया प्लास्टर लगाने का…मैं विपक्ष को बताना चाहता हूं कि आप उन लोगों का अनुसरण कर रहे हैं जो इतनी पीढ़ियों के बाद भी लाल मिर्च और हरी मिर्च के बीच अंतर नहीं कर पा रहे हैं…”

प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडिया गठबंधन पर कहा कि, ‘ “उनकी मुसीबत ऐसी है कि उन्हें खुद को जिंदा रखने के लिए एनडीए का सहारा लेना पड़ा. लेकिन आदत से मजबूर ‘मैं’ का अहंकार उन्हें अकेला नहीं छोड़ता. इसलिए उन्होंने दो ‘मैं’ डाल दिए एनडीए में अहंकार। पहला ‘मैं’- 26 पार्टियों का अहंकार और दूसरा ‘मैं’- एक परिवार का अहंकार। उन्होंने एनडीए को भी चुरा लिया। उन्होंने भारत को भी तोड़ दिया- I.N.D.I.A.”

प्रधानमंत्री ने I.N.D.I.A गठबंधन पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग अपना नाम लेवल तो बदल लेंगे,  लेकिन इनके पुराने पापों का क्या होगा? पीएम मोदी ने कांग्रेस को परिवारवाद पसंद है, दरबारवाद पसंद है। कांग्रेस सभी बड़े पद अपने परिवार के लोगों को देते हैं। इन लोगों ने परिवारवाद की आड़ में कई प्रतिभावान की तोहिन की है।

पीएम मोदी ने कहा कि, ‘पीएम नरेंद्र मोदी का कहना है, ”योजना और परिश्रम की निरंतरता बनी रहेगी. जरूरत के हिसाब से इसमें नए सुधार होंगे और परफॉर्मेंस के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे. हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे. देश को भरोसा है” कि जब आप 2028 में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे तो देश दुनिया के शीर्ष तीन देशों में होगा।”

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि, ‘”देश के लोगों को कांग्रेस पर कोई भरोसा नहीं है। अहंकार के कारण वे वास्तविकता नहीं देख पा रहे हैं। तमिलनाडु में वे 1962 में जीते थे और 1962 से तमिलनाडु के लोग ‘नो कांग्रेस’ कह रहे हैं। पश्चिम बंगाल में वे 1972 में जीते, पश्चिम बंगाल के लोग भी कह रहे हैं ‘नो कांग्रेस’। यूपी, बिहार और गुजरात में वे 1985 में जीते और इन राज्यों के लोग भी कह रहे हैं ‘नो कांग्रेस’…”

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ”…अगर कांग्रेस कहती है कि सब कुछ अपने आप हो जाएगा, तो इसका मतलब है कि कांग्रेस के पास वैश्विक आर्थिक व्यवस्था या भारत की आर्थिक दुनिया की ताकत के बारे में न तो नीति है, न इरादा, न ही दृष्टिकोण या समझ…”

प्रधानमंत्री विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ महीने पहले ही आपने बेंगलुरु में यूपीए का क्रियाकर्म किया था। मैं आपके प्रति संवेदना भी व्यक्त नहीं कर पाया, क्योंकि आप जश्न मना रहे थे,स लेकिन जश्न भी किस बात का मना रहे थे, मलबे पर पलस्तर करने का जश्न आप लोग मना रहे थे।

पीएम नरेंद्र मोदी कहते हैं, “जब हम कहते हैं कि हम अपनी अर्थव्यवस्था को अगले 5 वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे, तो एक जिम्मेदार विपक्ष ने सवाल पूछा होगा कि हम यह कैसे करेंगे, लेकिन ‘ये भी मुझे ही सिखाना पड़ रहा है।’

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि,’ देश की जिन-जिन संस्थाओं को ये लोग मृत घोषित कर देते हैं, वे संस्थाएँ भाग्यशाली हो जाती हैं। जिस तरह से वे देश और लोकतंत्र को कोसते हैं, मुझे विश्वास है कि देश और लोकतंत्र मजबूत होने वाला है।’ हम भी मजबूत होने जा रहे हैं.’

इसके अलावा पीएम मोदी ने विपक्ष पर वैक्सीन को लेकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि इन लोगों को भारत की वैक्सीन पर नहीं, बल्कि विदेश के वैक्सीन पर था। पीएम मोदी ने विपक्ष पर पाकिस्तान को लेकर भी निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले पाकिस्तान भारत पर हमला करता था , लेकिन ये लोग कुछ नहीं कर पाते थे और पाकिस्तान इन लोगों से साफ कह देता था कि ये हमले तो होते रहेंगे। वहीं, ये लोग मान भी लेते थे कि ये  हमले होते ही रहेंगे।

पीएम मोदी सदन में विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने अपना अब तक का सबसे अधिक राजस्व दर्ज किया। उनके (विपक्ष के) आरोपों के बावजूद एचएएल देश का गौरव बनकर उभरा है। उन्होंने एलआईसी के बारे में कई बातें कही कि गरीबों का पैसा डूब जाएगा लेकिन आज एलआईसी मजबूत हो रही है। ‘शेयर मार्केट वाले लोगो के लिए ये मंत्र है कि जिस भी सरकारी कंपनी को ये गाली दे हमें दानव लगा दो अच्छा ही होने वाला है..’

प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष की मानें तो सबकुछ अपने आप ही हो जाएगा। जिससे यह साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस के पास ना नीति है और ना ही नियत है, इसलिए कांग्रेस के समय में अर्थव्यवस्था झुलती रहती थी, लेकिन 2014 के बाद आज देश दुनिया की पांच समृद्ध अर्थव्यवस्था की फेहरिस्त में शुमार हो चुका है। अब कांग्रेस के लोगों को लगता होगा कि यह सबकुछ ऐसे ही हो जाता होगा, लेकिन यह सब ऐसे ही नहीं होता है। यह सब कड़े परिश्रम के नतीजे के रूप में हुआ है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘विपक्ष के लोगों को एक रहस्य वरदान मिला हुआ है कि जिसका भी ये लोग बुरा चाहेंगे उसका भला ही होगा।’ ऐसा ही एक उदाहरण आपके सामने खड़ा है। ’20 साल हो गए क्या कुछ नहीं हुआ पर भला ही हो गया..’

पीएम नरेंद्र मोदी कहा कि, “कुछ विपक्षी दलों ने अपने आचरण से साबित कर दिया है कि उनके लिए पार्टी राष्ट्र से ऊपर है। मुझे लगता है कि आपको गरीबों की भूख की परवाह नहीं है लेकिन सत्ता की भूख आपके दिमाग में है।”

पीएम मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, “इस अविश्वास प्रस्ताव में कुछ बातें इतनी अजीब हैं कि उन्हें पहले कभी सुना या देखा नहीं गया, कल्पना भी नहीं की गई…सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता का नाम वक्ताओं में नहीं था…इस बार क्या हुआ है अधीर जी (अधीर रंजन चौधरी) के हो गए? उनकी पार्टी ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया… यह आपकी उदारता थी कि आपने उन्हें आज बोलने की अनुमति दी, जबकि उनका समय समाप्त हो गया था। लेकिन गुड़ का गोबर कैसे करना हमें ये माहिर हैं…मुझे नहीं पता कि आपकी मजबूरी क्या है, अधीर बाबू को क्यों किनारे कर दिया गया है। शायद कोलकाता से फोन आया था, कांग्रेस बार-बार उनका अपमान करती है…हम अधीर बाबू के प्रति अपनी पूरी संवेदना व्यक्त करते हैं करते हैं…”

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ”हमने भारत की प्रतिष्ठा को ऊंचाइयों पर पहुंचाया है लेकिन कुछ लोग हैं जो दुनिया में हमारे देश की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन आज दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ रहा है…”

पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष काला  कपड़ा हमारे लिए काले टीके की तरह है। पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष को एक वरदान मिला हुआ है कि यह अगर किसी का बुरा चाहेंगे तो उसके साथ अच्छा ही होगा। इतना ही नहीं, मोदी तेरी कब्र खुदेगी यह तो अब विपक्ष का नारा बन चुका है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि, ‘”हमारा ध्यान देश के विकास पर होना चाहिए…यह समय की मांग है। हमारे युवाओं में सपनों को साकार करने की ताकत है…हमने युवाओं को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार, आकांक्षाएं और अवसर दिए हैं।” देश की।”

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने राहुल पर बिनान नाम लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग विदेश में भारत की साख खराब करने में जुटे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में  इतिहास का जिक्र करके कहा कि,’. 1999 में वाजयेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया। शरद पवार उस वक्त नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने बहस की शुरुआत की। 2003 में अटल की सरकार थी। तब सोनिया गांधी विपक्ष की नेता थी। उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव रखा. 2018 में खड़गे विपक्ष के नेता थे। उन्होंने प्रस्ताव रखा। लेकिन, इस बार अधीर बाबू (रंजन) का क्या हाल हो गया। उनको बोलने का मौका नहीं दिया। अमित भाई (शाह) ने कहा तो मौका दिया. लेकिन गुड़ का गोबर कैसे करना है उसमें ये माहिर हैं।

प्रधानमंत्री ने आगे अपने संबोधन में कहा कि, ‘”आपने इस प्रस्ताव पर किस तरह की चर्चा की है। मैं सोशल मीडिया पर देख रहा हूं कि ‘आपके दरबारी भी बहुत दुखी हैं।’

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, ‘एक तरह से विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए हमेशा भाग्यशाली रहा है। आज मैं देख सकता हूं कि आपने (विपक्ष) तय कर लिया है कि जनता के आशीर्वाद से एनडीए और बीजेपी 2024 के चुनाव में पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़कर शानदार जीत के साथ वापस आएंगे।

पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े हुए हैं, वो अब लोग हमसे हमारा हिसाब मांग रहे हैं। उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, ‘”भगवान बहुत दयालु हैं और किसी माध्यम से बोलते हैं… मेरा मानना ​​है कि यह भगवान का आशीर्वाद है कि विपक्ष यह प्रस्ताव लाया है। मैंने 2018 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कहा था कि यह हमारे लिए शक्ति परीक्षण नहीं था, बल्कि एक शक्ति परीक्षण था।” उनके लिए शक्ति परीक्षण किया गया और परिणामस्वरूप वे चुनाव हार गए…”

पीएम मोदी ने कहा कि, ‘आज, मैं देख सकता हूं कि आपने (विपक्ष) तय कर लिया है कि लोगों के आशीर्वाद से एनडीए और बीजेपी पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए शानदार जीत के साथ वापस आएंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ है। पीएम मोदी ने कहा कि 2018   में भी ईश्वर का आदेश था कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए। यह अविश्वास प्रस्ताव  हमारे लिए नहीं, बल्कि विपक्ष के लिए फ्लोर टेस्ट है। इस तरह प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता है।

देश की जनता ने हम पर बार-बार विश्वास जताया, इसके लिए मैं अपना आभार व्यक्त करना चाहूंगा। कहते हैं कि भगवान बहुत दयालू है। वो किसी ना किसी तरीके से अपनी इच्छाओं की पूर्ति करता है। मैं भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि ईश्वर ने विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाने का सुझाव दिया।

पीएम मोदी का सदन में भाषण शुरू

कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी लोकसभा पहुंच चुके हैं। जहां कुछ देर में ही पीएम मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देने वाले हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा पहुंच चुके हैं। थोड़ी ही देर में वो अपना संंबोधन शुरू करेंगे।