नई दिल्ली। मालदीव में नई सरकार आने के बाद से ही भारत के खिलाफ बयानबाजी बढ़ती जा रही है। मालदीव के राष्ट्रपति ने अपने पद को संभालते ही चीन की और तुर्किए की यात्रा की। तब लोगों को बड़ा आश्चर्य हुआ कि मालदीव भारतीय लोगों के पर्यटन से पल रहा है। इसके बावजूद भी चीन की तरफ मालदीव का इतना रुझान क्यों है। इसके बाद मालदीव के मंत्रियों के द्वारा भी भारत विरोधी बयान बाजी की गई। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक्शन लेते हुए लक्षदीप का दौरा किया। जैसे ही पीएम मोदी की लक्ष्यद्वीप की तस्वीर सामने आई वैसे ही लक्षद्वीप ट्रेंड करने लगा। कई भारतीय पर्यटकों ने लक्ष्यद्वीप की सुंदरता को देखते हुए मालदीव के अपने ट्रिप को कैंसिल कर दिया।
वहीं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कदम की तारीफ करते हुए नहीं थक रहे हैं। लोगों का मानना है कि सिर्फ एक तस्वीर शेयर करके ही प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव को अपनी भाषा में करारा जवाब दिया है। जाहिर तौर पर लक्ष्यद्वीप की सुंदरता को देखने के लिए लोग आकर्षित होंगे और गूगल पर भी टॉप ट्रेंड लक्षद्वीप सर्च किया जा रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी अक्सर इस तरह के स्वाभाविक कदम उठाते रहते हैं जिससे उनके दर विरोधी चारों खाने चित हो जाते हैं। इसी बीच ‘मोदी आर्काइव’ नाम से ट्विटर हैंडल ने उनकी वह तस्वीर पोस्ट की है जो RSS में रहने के दौरान उन्होंने खिंचवाई थी।
ट्विटर हैंडल पर लिखा गया, “नरेंद्र मोदी आरएसएस के एक सहयोगी के साथ हल्के-फुल्के पल साझा करते हुए। एक प्रचारक के रूप में, जब वे 30 वर्ष की आयु में पहुँचे तब तक वे भारत भर की यात्रा कर चुके थे।”
Narendra Modi sharing a light moment with an RSS colleague. As a pracharak, he had already traveled the length and breadth of India by the time he reached his early 30s. pic.twitter.com/bckNj8S8oO
— Modi Archive (@modiarchive) January 7, 2024
यानी प्रधानमंत्री मोदी शुरुआत से ही भारत की सुंदरता को प्रमोट करने में सबसे आगे रहे हैं। लक्ष्यद्वीप की खूबसूरत तस्वीरों को शेयर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने एकदम से मालदीव के पर्यटन को बड़ा झटका दिया है। जिससे एक बात फिर साफ हो गई कि उनके कदम अक्सर उनके विरोधियों के लिए एक तीर से दो निशाने के समान होते हैं।