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जम्मू कश्मीर पर हुई ‘महाबैठक’ में बोले PM मोदी- खत्म करना चाहता हूं दिल्ली और दिल की दूरी

Jammu Kashmir PM Modi Meeting: गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में कश्मीरी नेताओं संग हुई यह बैठक शाम 6:30 बजे के करीब खत्म हुई।यह बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को देश की राजधानी दिल्ली में जम्मू-कश्मीर को लेकर एक महाबैठक हुई। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के तमाम नेता मौजूद रहे। वहीं इसमें जम्मू-कश्मीर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भाग लिया। वहीं घाटी के नेताओं की बात करें तो कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, पीडीपी मुखिया महबूबा मु़फ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला, जम्मू -कश्मीर की बीजेपी इकाई के अध्यक्ष रवींदर रैना, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता ने इस बैठक में हिस्सा लिया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में कश्मीरी नेताओं संग हुई यह बैठक शाम 6:30 बजे के करीब खत्म हुई।यह बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली। बैठक के बाद तमाम कश्मीरी नेता, केंद्र के अफसर, उपराज्यपाल आदि लोग PM आवास से बाहर निकल गए।

PM Modi meeting Jammu kashmir manoj sinha

वहीं पीएम मोदी ने इस बैठक के दौरान कहा कि, वह जम्मू-कश्मीर से दिल्ली और दिल की दूरी को खत्म करना चाहते हैं। पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस मिलने की बात करते हुए कहा कि, यहां विधानसभा चुनाव तुरंत कराए जाएं। साथ ही कश्मीरी पंडितों की वापसी और पुनर्वास की व्यवस्था हो।

बैठक में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से बोले पीएम मोदी

पीएम ने इस बैठक में शामिल हुए सभी नेताओं के सुझावों और विचारों को धैर्यपूर्वक सुना। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि सभी प्रतिभागियों ने अपने स्पष्ट और ईमानदार विचार साझा किए। यह एक खुली चर्चा थी जो कश्मीर के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए थी।

बैठक का मुख्य फोकस लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करना था। पीएम ने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि डीडीसी चुनावों के सफल संचालन की तरह ही विधानसभा चुनाव कराना प्राथमिकता है।

इसके साथ ही यहां बैठक में यह चर्चा की गई कि चुनाव परिसीमन के तुरंत बाद हो सकते हैं और कुल मिलाकर अधिकांश प्रतिभागियों ने इसके लिए इच्छा व्यक्त की।

पीएम ने जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि उनका उत्थान सुनिश्चित हो सके। प्रधानमंत्री ने सभी प्रतिभागियों द्वारा समर्थित संविधान और लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर प्रसन्नता व्यक्त की।

पीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक मौत भी दर्दनाक है और हमारी युवा पीढ़ी की रक्षा करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है। पीएम ने जोर देकर कहा कि हमें जम्मू-कश्मीर के अपने युवाओं को अवसर देने की जरूरत है और वे हमारे देश को बहुत कुछ देंगे।

जम्मू-कश्मीर द्वारा हासिल किए गए विकास पर कई जन-समर्थक पहलों के कार्यान्वयन के साथ विस्तार से चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में विकास की गति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि यह लोगों में नई आशा और आकांक्षाएं पैदा कर रहा है। पीएम ने कहा कि जब लोग भ्रष्टाचार मुक्त शासन का अनुभव करते हैं, तो यह लोगों में विश्वास जगाता है और लोग प्रशासन को अपना सहयोग भी देते हैं और यह आज जम्मू-कश्मीर में दिखाई दे रहा है।

पीएम ने कहा कि राजनीतिक मतभेद होंगे लेकिन सभी को राष्ट्रहित में काम करना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को फायदा हो। पीएम ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में समाज के सभी वर्गों के लिए सुरक्षा और सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित करने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि वह दिल्ली की दूरी के साथ-साथ दिल की दूरी को भी मिटाना चाहते हैं।