नई दिल्ली। पंजाब में अकाली दल के साथ गठजोड़ कर चुनाव लड़ती रही बीजेपी कभी भी 2 से ज्यादा सीटें हासिल नहीं कर सकीं। अब अकाली दल से उसका नाता टूट गया है। बीजेपी ने इस बार अकाली दल के ढींढसा गुट और पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस PLC के साथ हाथ मिलाया है। इन दोनों से हाथ मिलाने के बावजूद पीएम नरेंद्र मोदी इस बार चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसों को शिकस्त देने के लिए अपने तरीके से अभियान चला रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने रविवार को पंजाब के ब्यास में बने राधा स्वामी सत्संग डेरे के मुखी बाबी गुरिंदर सिंह ढिल्लो से मुलाकात की। दोनों के बीच लंबे समय तक बातचीत हुई। पंजाब में मोदी की पहली रैली से पहले ये मुलाकात काफी अहम है, क्योंकि जालंधर में मोदी की रैली है और डेरा उसके पास ही स्थित है।
Earlier today, I had the honour of meeting Baba Gurinder Singh Dhillon Ji of the Radha Soami Satsang Beas. The social service initiatives of the RSSB are commendable. pic.twitter.com/OIBiMSrxhR
— Narendra Modi (@narendramodi) February 13, 2022
दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी पंजाब के वोटरों तक बीजेपी गठबंधन की पकड़ बनाने के लिए अपनी कोशिश जारी रखे हुए हैं। शाह ने रविवार को अमृतसर पहुंचकर सिखों के सबसे बड़े पीठ अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से मुलाकात की। अमित शाह को बीजेपी का चाणक्य कहा जाता है। अकाल तख्त का आशीर्वाद हासिल करके वो बीजेपी के लिए पंजाब में बड़ा मैदान मारने की कोशिश कर रहे हैं। बात करें राधा स्वामी डेरे की तो पंजाब में राधा स्वामी डेरे का मजबूत आधार है। पंजाब के अलावा दूसरे कई राज्यों में भी डेरे के अनुयायी हैं। डेरे को मानने वाले कई सीटों पर जीत और हार तय कर सकते हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहिंदर सिंह केपी भी डेरे के अनुयायी हैं। चरणजीत सिंह चन्नी भी सीएम बनने के बाद दो बार डेरा ब्यास जा चुके हैं।
पंजाब में डेरों की काफी तादाद है। बताया जाता है कि राज्य में सिखों के 9000 और गैर सिखों के 12000 डेरे हैं। इनमें से करीब 300 डेरों का असर पंजाब के अलावा हरियाणा में भी है। 12 डेरों के अनुयायी 1 लाख से ज्यादा हैं। ब्यास के राधा स्वामी डेरे के भी 1 लाख से ज्यादा मानने वाले हैं और ये पूरे देश में छाए हुए हैं।