नई दिल्ली। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की चिट्ठी का जवाब दिया है। पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया एक्स पर इस चिट्ठी के पेज साझा किए है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, दो दिन पूर्व मुझे आदरणीया राष्ट्रपति जी का एक बहुत ही प्रेरणादायी पत्र मिला था। मैंने आज अपनी कृतज्ञता पत्र के माध्यम से प्रकट करने का प्रयास किया है। इस पत्र में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति से कहा, अयोध्या धाम में अपने जीवन के सबसे अविस्मरणीय क्षणों का साक्षी बनकर लौटने के बाद, मैं आपको ये पत्र लिखकर लिख रहा हूं। मैं एक अयोध्या अपने मन में भी लेकर लौटा हूं। एक ऐसी अयोध्या जो मुझसे दूर नहीं हो सकती। अयोध्या जाने से एक दिन पूर्व मुझे आपका पत्र मिला था। आपके शुभकामनाएं और स्नेह का मैं बहुत-बहुत आभारी हूं।
आपके पत्र के हर एक शब्द ने आपके करुणामयी स्वभाव और प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन आपकी असीम प्रसन्नता को व्यक्त किया। जिस समय आपका पत्र मिला था, मैं एक अलग ही भावयात्रा में था। आपके पत्र ने मुझे, मेरे मन की इन भावनाओं को संभालने में, उनसे सामंजस्य बिठाने में अपार सहयोग और संबल दिया। मैंने एक तीर्थ यात्री के रूप में अयोध्या धाम की यात्रा की। जिस पवित्र भूमि पर आस्था और इतिहास का ऐसा संगम हुआ हो, वहां जाकर मेरा मन अनेक भावनाओं में विह्वल हो गया।
दो दिन पूर्व मुझे आदरणीया राष्ट्रपति जी का एक बहुत ही प्रेरणादायी पत्र मिला था। मैंने आज अपनी कृतज्ञता पत्र के माध्यम से प्रकट करने का प्रयास किया है। pic.twitter.com/mVJJMgnM8C
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2024
पीएम मोदी ने आगे लिखा, ऐसे ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनना एक सौभाग्य भी है और एक दायित्व भी है। आपने मेरे 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान और उससे जुड़े यम नियमों के विषय में भी चर्चा की थी। हमारे देश में ऐसे अनगिनत लोगों का साक्षी रहा है जिन्होंने शताब्दियों तक अनेक संकल्प व्रत किए जिससे कि रामलला पुन: अपने जन्मस्थान पर विराज सकें। सदियों तक चले इन व्रतों की पूर्णाहुति का संवाहक बनना, मेरे लिए बहुत भावुक क्षण था और इसे मैं अपना सौभाग्य मानता हूं।