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PM Vishwakarma Yojana: ‘किसी उम्मीद की किरण से कम नहीं…’, विश्वकर्मा योजना को लॉन्च करने के बाद बोले PM मोदी

PM Vishwakarma Yojana Live: इस योजना को जीवंत करने के मकसद से बजट में 13 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इससे पहले 2023 -24 के बजट में भी इस योजना के लिए बजट आवंटित किया गया था। बहरहाल, पल-पल की अपडेट से रूबरू होने के लिए आप बने आप न्यूजरूम पोस्ट के साथ।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। वहीं, आज विश्वकर्मा डे भी है, तो इस खास मौके पर पीएम मोदी विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की। वैसे तो इस योजना का ऐलान प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से किया था। इस योजना के अंतर्गत छोटे कारिगरों को आर्थिक तौर पर समृद्ध बनाकर उन्हें खुद का व्यापार स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना को जीवंत करने के मकसद से बजट में 13 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इससे पहले 2023 -24 के बजट में भी इस योजना के लिए बजट आवंटित किया गया था। बहरहाल, पल-पल की अपडेट से रूबरू होने के लिए आप बने आप न्यूजरूम पोस्ट के साथ।


LIVE UPDATE:-

‘पीएम विश्वकर्मा योजना के लॉन्च के मौके पर पीएम मोदी ने कहा, ‘दुनिया में कॉन्फ्रेंस टूरिज्म बढ़ रहा है, जिसमें भारत के लिए असीमित संभावनाएं हैं। कॉन्फ्रेंस टूरिज्म इंडस्ट्री दुनिया में 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है। दुनिया में हर साल कॉन्फ्रेंस टूरिज्म की इंडस्ट्री 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है। , 32,000 से ज्यादा बड़ी प्रदर्शनियां और एक्सपो लगते हैं. 2-5 करोड़ की आबादी वाले देश भी इसकी व्यवस्था करते हैं, हमारी आबादी 140 करोड़ है… कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए आने वाले लोग सामान्य पर्यटकों से ज्यादा पैसा खर्च करते हैं… सिर्फ भारत की भागीदारी इस इंडस्ट्री में 1%… आज का नया भारत कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए खुद को तैयार कर रहा है… एडवेंचर, मेडिकल, स्पिरिचुअल और हेरिटेज टूरिज्म वहीं होता है जहां जरूरी माहौल होता है। इसी तरह कॉन्फ्रेंस टूरिज्म भी वहीं होगा जहां के लिए सुविधाएं होंगी कार्यक्रम और बैठकें। भारत मंडपम और यशोभूमि दिल्ली को सम्मेलन पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र बनाएंगे…”

पीएम विश्वकर्मा योजना के लॉन्च के मौके पर पीएम मोदी ने कहा, ‘दुनिया में कॉन्फ्रेंस टूरिज्म बढ़ रहा है, जिसमें भारत के लिए असीमित संभावनाएं हैं। कॉन्फ्रेंस टूरिज्म इंडस्ट्री दुनिया में 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है। दुनिया में हर साल कॉन्फ्रेंस टूरिज्म की इंडस्ट्री 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की है। , 32,000 से ज्यादा बड़ी प्रदर्शनियां और एक्सपो लगते हैं. 2-5 करोड़ की आबादी वाले देश भी इसकी व्यवस्था करते हैं, हमारी आबादी 140 करोड़ है… कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए आने वाले लोग सामान्य पर्यटकों से ज्यादा पैसा खर्च करते हैं… सिर्फ भारत की भागीदारी इस इंडस्ट्री में 1%… आज का नया भारत कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए खुद को तैयार कर रहा है… एडवेंचर, मेडिकल, स्पिरिचुअल और हेरिटेज टूरिज्म वहीं होता है जहां जरूरी माहौल होता है। इसी तरह कॉन्फ्रेंस टूरिज्म भी वहीं होगा जहां के लिए सुविधाएं होंगी कार्यक्रम और बैठकें। भारत मंडपम और यशोभूमि दिल्ली को सम्मेलन पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र बनाएंगे…”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है, “पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, सरकार बिना किसी (बैंक) गारंटी के 3 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करेगी। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि ब्याज दर भी बहुत कम हो। सरकार ने फैसला किया है कि 1 लाख रुपये शुरुआत में ऋण दिया जाएगा और जब इसे चुकाया जाएगा, तो सरकार विश्वकर्मा भागीदारों को अतिरिक्त 2 लाख रुपये का ऋण प्रदान करेगी।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, “निकट भविष्य में, प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी और उपकरण बहुत आवश्यक होंगे। ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना के तहत, सरकार ने विश्वकर्मा भागीदारों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है और प्रशिक्षण के दौरान आपको 500 रुपये प्रदान किए जाएंगे।” चल रहा है। आपको 1,500 रुपये का टूलकिट वाउचर भी मिलेगा। सरकार आपके द्वारा बनाए गए उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग में भी आपकी मदद करेगी। बदले में, सरकार चाहती है कि आप उन दुकानों से टूलकिट खरीदें जो केवल जीएसटी पंजीकृत हैं।”

पीएम विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ पर पीएम मोदी ने कहा, ”आज देश को इंटरनेशनल एग्जीबिशन सेंटर यशोभूमि मिल गया है. जिस तरह का काम यहां हुआ है, वो मेरे विश्वकर्मा भाइयों की तपस्या को प्रदर्शित करता है. मैं देश के हर विश्वकर्मा को ये सेंटर देने की घोषणा करता हूं.” राष्ट्र…यह विश्वकर्माओं के लिए मददगार होने वाला है। भारतीय कला और हस्तशिल्प को वैश्विक स्तर तक पहुंचाने के लिए यह एक जीवंत केंद्र होगा। स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बनाने में यह बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा…जिस तरह से रीढ़ की हड्डी है हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं, और हमारे विश्वकर्मा समाज के लिए आवश्यक हैं… उनके बिना रोजमर्रा की जिंदगी अकल्पनीय है…।”

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि, ‘आज समय की मांग है कि हम अपने विश्वकर्मा साथियों को पहचानें और उनका हरसंभव समर्थन करें। हमारी सरकार हमारे विश्वकर्मा साथियों के विकास के लिए काम कर रही है। इस योजना के तहत 18 अलग-अलग क्षेत्रों के तहत काम करने वाले विश्वकर्मा भागीदारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा…सरकार ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना पर 13,000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है…”

प्रधानमंत्री  ने कहा कि, ‘आज विश्वकर्मा जयंती है. यह दिन देश के कारीगरों और शिल्पकारों को समर्पित है। मैं विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर देश के लोगों को शुभकामनाएं देना चाहता हूं। मुझे खुशी है कि आज मुझे हमारे विश्वकर्मा सदस्यों से जुड़ने का अवसर मिला… ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना आज शुरू की गई है जो कलाकारों और शिल्पकारों के लिए आशा की किरण बनकर उभरेगी।”

इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर में ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना के शुभारंभ के दौरान विभिन्न कलाकारों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र वितरित किए।

इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर में ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना के शुभारंभ के दौरान 18 पोस्ट टिकट और टूलकिट बुकलेट लॉन्च की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा योजना का लॉन्च किया है। इसे आम जनता के लिए बड़ी सौगात के रूप में देखा जा रहा है। द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर में पीएम मोदी ने इस स्कीम की शुरुआत की है ।

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी International Convention and Expo Centre यशोभूमि पहुंच चुके हैं। आज पीएम मोदी ने यशोभूमि को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके अलावा कुछ ही देर में प्रधानमंत्री का संबोधन शुरू होने वाला है। ऐसे में वो किन-किन मुद्दों का जिक्र अपने संबोधन में करेंगे। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

थोड़ी ही देर में पीएम मोदी विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस योजना के लिए 13 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करने से पहले  भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की।

यशोभूमि पहुंचकर पीएम मोदी कारिगरों और शिल्पकारों से मुलाकात की। यह मुलाकात बेहद आत्मयीतापूर्ण रही। कुछ ही देर में प्रधानमंत्री इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (IICC) को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

इसके अलावा पीएम मोदी ने मेट्रो में कर्मचारियों से  भी मुलाकात की ।उन्होंने मेट्रो में भी यात्रा की और अन्य सहयात्रियों से विभिन्न विषयों पर वार्ता की। वहीं, प्रधानमंत्री ने द्वारका सेक्टर 21 से मेट्रो स्टेशन यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 तक दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के विस्तार का भी उद्धाटन किया।

प्रधानमंत्री ने द्वारका सेक्टर 21 से मेट्रो स्टेशन यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 तक दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के विस्तार का भी उद्धाटन किया।

वहीं, प्रधानमंत्री ने दिल्ली मेट्रो में सफर के दौरान यात्रियों से भी मुलाकात की।

इंटरनेशनल एक्सपो सेंटर में पीएम मोदी ने विभिन्न शिल्पकारों और कारिगरों से मुलाकात की। यह मुलाकात बेहद ही आत्मीयपूर्ण रही।

बैकग्राउंड :- 

क्या है विश्वकर्मा योजना ?

विश्वकर्मा योजना के तहत पहले से ही किसी कौशल में युक्त लोगों को अपना व्यापार स्थापित करने के मकसद से 3 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है । इस योजना के तहत देशभर में 30 हजार लोगों को फायदा मिलेगा। इस योजना को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद भारत की पुरातन संस्कृति को संरक्षित रखना है।

किसे मिलेगा योजना का लाभ ? 

इस योजना को 13 हजार करोड़ रुपए के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित किया गया है। इस योजना का फायदा उठाने वाले लोगों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान-पत्र, मूलभूत और उन्नत प्रशिक्षण से जुड़े कौशल उन्नयन, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन, पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर एक लाख रुपये (पहली किश्त) और दो लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक मुक्त ऋण सहायता, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी।

 कौन उठा सकता है इस योजना का फायदा ?

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत राजमिस्त्री, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, ताला बनाने वाले, अस्त्रकार, मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाले, लोहार, सुनार, पत्थर तोड़ने वाले, मोची/जूता बनाने वाले कारीगर, गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाव निर्माता, फिशिंग नेट निर्माता, टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला, हथौड़ा और टूलकिट से जुड़ी गतिविधियों में संलिप्त लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा।