न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में कोरोना वायरस पर गलत सूचना से निपटने के लिए भारत ने तथ्य आधारित सामग्री का प्रचार करने के मकसद से एक पहल की अगुवाई की है। कोविड-19 वैश्विक महामारी से संबंधित भ्रामक सूचना से निपटने के लिए 130 से अधिक देश इस पहल का समर्थन कर रहे हैं।
समर्थन करने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, चिली, फ्रांस, जॉर्जिया, भारत, इंडोनेशिया, लात्विया, लेबनान, मॉरिशस, मैक्सिको, नॉर्वे, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका की इस पहल पर कुल 132 सदस्य देशों ने ‘भ्रामक सूचना’ या तोड़ मरोड़कर दी गई सूचना से निपटने का समर्थन किया है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के अलावा विश्व घृणा फैलाने वाले भाषणों और साजिशों, हानिकारक स्वास्थ्य सलाहों और भ्रामक सूचना का ‘खतरनाक विस्फोट’ भी देख रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र संचार प्रतिक्रिया पहल ‘वेरिफाइड’ का समर्थन करता है। कोविड-19 के दौर में गलत सूचना से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाई का आह्वान करता है।
इस मामले पर 13 देशों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि कोविड-19 स्वास्थ्य संकट के दौर में गलत सूचना फैलाना मानव स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है। अन्य नकारात्मक परिणामों के साथ ही कोविड-19 ने ऐसी परिस्थितियां पैदा की है, जिससे हिंसा भड़काने और समुदायों को विभाजित करने के लिए भ्रामक सूचनाएं, फर्जी खबरें और छेड़छाड़ की गई वीडियो प्रसारित की जा रही हैं।
आपको बता दें कि बयान में कहा गया है कि हम महामारी से संबंधित झूठी और छेड़छाड़ की गई सूचना को जान-बूझकर प्रसारित करने से हुए नुकसान से भी काफी चिंतित हैं।