नई दिल्ली। बिहार (Bihar) में मंगलवार को दूसरे चरण के लिए मतदान जारी है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अररिया (Araria) के फारबिसगंज (Forbesganj) में आज की पहली सभा को संबोधित किया हैं। पीएम मोदी ने यहां कहा कि बिहार के लोगों ने ‘डबल युवराजों’ को नकार दिया है और फिर एक बार एनडीए की सरकार बनने जा रही है। पीएम मोदी ने यहां अपनी सभा में कहा कि बिहार में आज दूसरे चरण का मतदान चल रहा है, इस बार बंपर वोटिंग हो रही है। आज बिहार के लोगों ने देश ही नहीं पूरे विश्व को संदेश दिया है। जब कोरोना की वजह से दुनिया में हड़कंप मचा है लेकिन बिहार के लोग उत्साह के साथ वोटिंग कर रहे हैं, ऐसे में लोगों को विचार करना चाहिए। पीएम मोदी ने चुनाव आयोग को ऐसी परिस्थिति में चुनाव कराने पर बधाई दी।
अहम बातें-
आज बिहार देश के उन कुछ राज्यों में जहां गैस ग्रिड कनेक्टिविटी का बहुत ज्यादा विस्तार होने जा रहा है। आज बिहार प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना का बहुत बड़ा लाभार्थी बन रहा है।
झूठ बोलकर कांग्रेस ने देश के लोगों के क्या-क्या सपने दिखाए। चुनाव से पहले कहते थे गरीबी हटाएंगे, किसान का कर्जा माफ करेंगे, टैक्स कम करेंगे। बातें बहुत कीं, लेकिन इतिहास गवाह है, दस्तावेज गवाह हैं कि इन्होंने इसमें से एक भी काम नहीं किया, सिर्फ लोगों को गुमराह किया।
बिहार अब उन लोगों को पहचान चुका है जिनका एकमात्र सपना है कि किसी तरह लोगों को डराकर, अफवाह फैलाकर, लोगों को बांटकर किसी भी तरह से सत्ता हथिया लेना है। इनकी तो बरसों से यही सोच है, इन्होंने यही देखा है, यही समझा है, यही सीखा है।
बीते दशक में जंगलराज के प्रभावों को कम किया गया, अब ये दशक बिहार की नई उड़ान का है, नई संभावनाओं का है। बिहार को जब फिर इस बार डबल इंजन की ताकत मिलेगी, तो यहां का विकास पहले से भी तेज गति से होगा।
अगर बिहार में पहले जैसे ही हालात होते, तो सच मानिए, गरीब मां का ये बेटा कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाता, आपका प्रधान सेवक नहीं बन पाता। आज जब गरीब को अपना अधिकार मिला है, तो वो उसने देश की राजनीति की दिशा तय करने की कमान भी खुद संभाल ली है।
तब मतदान नहीं होता था, ‘मत छीन लिया जाता था, वोट की लूट’ होती थी, गरीब के हक की लूट होती थी। बिहार में गरीब को सही मायनों में मतदान का अधिकार एनडीए ने दिया है।
बिहार वो दिन भूल नहीं सकता, जब चुनाव को इन लोगों ने मजाक बनाकर रख दिया था। इन के लिए चुनाव का मतलब था- चारो तरफ हिंसा, हत्याएं, बूथ कैप्चरिंग। बिहार के गरीबों से इन लोगों ने वोट देने तक का अधिकार छीन रखा था।
आज बिहार में अहंकार हार रहा है, परिश्रम फिर जीत रहा है। आज बिहार में घोटाला हार रहा है, लोगों का हक़ फिर जीत रहा है। आज बिहार में गुंडागर्दी हार रही है, कानून का राज वापस लाने वाले फिर जीत रहे हैं।
आज NDA के विरोध में जो लोग खड़े हैं, वो इतना कुछ खाने-पीने के बाद अब फिर से बिहार को लालच भरी नजरों से देख रहे हैं। लेकिन बिहार की जनता जानती है कि कौन बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और कौन अपने परिवार के विकास के लिए।
बिहार की पवित्र भूमि ने ठान लिया है कि इस नए दशक में बिहार को नई ऊंचाई पर पहुंचाएंगे। बिहार के लोगों ने जंगलराज को, डबल-डबल युवराजों को सिरे से नकार दिया है।
कोरोना जैसे कठिन समय में इतनी सावधानियों के साथ चुनाव कराने के लिए मैं देश के चुनाव आयोग को लाख-लाख बधाई देता हूं। मैं बिहार की धरती से चुनाव आयोग, प्रशासन के कर्मचारियों और सुरक्षा बलों के जवानों का भी हृदय से अभिनंदन करता हूं।
कोरोना के संकटकाल में बिहार के लोग अपने घरों से निकल रहे हैं, इतनी बड़ी संख्या में मतदान कर रहे हैं। लोकतंत्र की इतनी बड़ी ताकत, लोकतंत्र के प्रति हर बिहारी का इतना बड़ा समर्पण ये पूरे विश्व के लिए एक भरोसा जगाने वाली घटना है।
देश के कई स्थानों पर आज उप-मतदान चल रहे हैं। बिहार में भी कई जगह चुनाव चल रहा है। चुनाव लोकतंत्र का बड़ा उत्सव होता है। इस उत्सव में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। यही उज्ज्वल भविष्य की गारंटी भी है।
अररिया के साथ-साथ पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार सहित अनेक जिलों के लोग आज यहां मौजूद हैं। इससे भी ज्यादा लोग अलग-अलग स्थान पर डिजिटल माध्यम से आज इस सभा से जुड़े हैं। मैं आप सभी को आदर पूर्वक प्रणाम करता हूं।