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Mann Ki Baat: PM मोदी ने टोक्यो ओलंपिक, अमृत महोत्सव समेत कई मुद्दों का किया जिक्र, जानिए संबोधन की अहम बातें

Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने कहा, ‘अमृत महोत्सव’ किसी सरकार का, किसी राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं है। यह कोटि-कोटि भारतवासियों का कार्यक्रम है। कितने ही स्वाधीनता सेनानी और महापुरुष हैं, जिन्हें अमृत महोत्सव में देश याद कर रहा है। सरकार और सामाजिक संगठनों की तरफ से भी लगातार इससे जुड़े कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

नई दिल्ली। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात (Mann Ki Baat) के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने टोक्यो ने ओलंपिक, अमृत महोत्सव , कारगिल ​विजय दिवस समेत कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। बता दें कि मन की बात  का कार्यक्रम का यह 79वां संस्करण रहा। सबसे पहले पीएम मोदी ने ओलंपिक खेलों में गए भारतीय खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी और साथ ही देशवासियों से टोक्यो ओलंपिक में गए भारतीय दल को प्रोत्साहित करने की अपील की।

पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें-

हमारे आदिवासी समुदाय में बेर बहुत लोकप्रिय है। आदिवासी समुदाय के लोग हमेशा से बेर की खेती करते रहे हैं। लेकिन कोविड-19 की बीमारी के बाद इसकी खेती विशेष रूप से बढ़ती जा रही है।

T.S Ringphami Young- ये पेशे से Aeronautical Engineer हैं। उन्होंने अपनी पत्नी श्रीमती टी.एस. एंजेल के साथ मिलकर सेब की पैदावार की है।

अगर में आपसे पूछूं कि वो कौन से राज्य हैं जिन्हें आप सेब के साथ जोड़ेंगे? तो जाहिर है कि आपके मन में सबसे पहले हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड का नाम आएगा। पर अगर में कहूं कि इस लिस्ट में मणिपुर को भी जोड़ दीजिए तो आप शायद आश्चर्य से भर जाएंगे।

आपने अंग्रेजी की एक कहावत सुनी होगी – To Learn is to Grow यानि सीखना ही आगे बढ़ना है। जब हम कुछ नया सीखते हैं, तो हमारे लिए प्रगति के रास्ते खुद-ब-खुद खुल जाते हैं।


फिलहाल देश में 6 अलग-अलग जगहों पर Light house projects पर तेजी से काम चल रहा है। इन Light house projects में Modern technology और Innovative तौर-तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है।

एक समय था जब छोटे छोटे construction के काम में भी वर्षो लग जाते थे, लेकिन आज technology की वजह से भारत मे स्थिति बदल रही है।

आप लोगों से मिले सुझाव ही मन की बात की असली ताकत है। आपके सुझाव ही मन की बात के माध्यम से भारत की विविधता को प्रकट करते हैं।

कुछ दिन पहले MyGov की ओर से मन की बात के श्रोताओं को लेकर एक study की गई। Study के बाद सामने आया कि संदेश और सुझाव भेजने वालों में से करीब 75% 35 वर्ष से कम आयु के लोग होते हैं।

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‘मन की बात’ एक ऐसा माध्यम है जहां सकारात्मकता है, संवेदनशीलता है। ‘मन की बात’ में हम सकारात्मक बातें करते हैं, इसका Character collective करते हैं।

बात जब आजादी के आंदोलन और खादी की हो तो पूज्य बापू का स्मरण होना स्वाभाविक है। जैसे बापू के नेतृत्व में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ चला था, वैसे ही आज हर देशवासी को भारत जोड़ो आंदोलन का नेतृत्व करना है।

साल 2014 के बाद से ही मन की बात में हम अक्सर खादी की बात करते हैं। ये आपका ही प्रयास है कि आज देश में खादी की बिक्री कई गुना बढ़ गई है।

देश के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में, हैंडलूम कमाई का बहुत बड़ा साधन है। ये ऐसा क्षेत्र है जिससे लाखों महिलाएं, लाखों बुनकर, लाखों शिल्पी, जुड़े हुए हैं। आपके छोटे-छोटे प्रयास बुनकरों में एक नई उम्मीद जगाएंगे।

रोज के काम करते हुए भी हम राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं, जैसे, Vocal for local हमारे देश के स्थानीय उद्यमियों, कलाकारों, शिल्पकारों, बुनकरों को support करना, हमारे सहज स्वभाव में होना चाहिए।

‘अमृत महोत्सव’ किसी सरकार का, किसी राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं है। यह कोटि-कोटि भारतवासियों का कार्यक्रम है। कितने ही स्वाधीनता सेनानी और महापुरुष हैं, जिन्हें अमृत महोत्सव में देश याद कर रहा है। सरकार और सामाजिक संगठनों की तरफ से भी लगातार इससे जुड़े कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

इस 15 अगस्त को देश अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। ये हमारा बहुत बड़ा सौभाग्य है कि जिस आजादी के लिए देश ने सदियों का इंतजार किया, उसके 75 वर्ष होने के हम साक्षी बन रहे हैं।

कल कारगिल ​विजय दिवस है। कारगिल का युद्ध भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम का ऐसा प्रतीक है जिसे पूरी दुनिया ने देखा है। इस बार ये गौरवशाली दिवस भी अमृत महोत्सव के बीच मनाया जाएगा। इसलिए ये और भी खास हो जाता है।

जब ये खिलाड़ी भारत से गए थे, तो मुझे भी इनसे गप-शप करने का, उनके बारे में जानने का और देश को बताने का अवसर मिला था। ये खिलाड़ी जीवन की अनेक चुनौतियों को पार करके यहां पहुंचे हैं।

दो दिन पहले की अद्भुत तस्वीरें, यादगार पल, अब भी मेरी आंखों के सामने हैं। टोक्यो ऑलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों को तिरंगा लेकर चलता देखकर मैं ही नहीं, पूरा देश ही रोमांचित हो उठा। पूरे देश ने जैसे अपने इन योद्धाओं से कहा- विजयी भवः, विजयी भवः।