
नया संसद भवन।
नई दिल्ली। संसद के नए भवन का उद्घाटन 28 मई को होने वाला है। नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी को करना है। इसी को विपक्षी दल मुद्दा बना रहे हैं। विपक्षी दल पहले नए संसद भवन को बनाने के खिलाफ थे। तब उनका कहना था कि कोरोना काल में सरकार इस पर सैकड़ों करोड़ रुपए क्यों फूंक रही है। अब संसद भवन बन गया है, तो विपक्षी दल ये सवाल उठा रहे हैं कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की जगह मोदी इसका उद्घाटन क्यों कर रहे हैं। अब तक ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) ने संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार का एलान किया है। वहीं, कांग्रेस इस बारे में अपना फैसला आज करने वाली है।

टीएमसी, सीपीआई और आप की तरफ से संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार की वजह सिर्फ यही बताई जा रही है कि पहले मोदी ने आधारशिला भी खुद रखी और उस वक्त राष्ट्रपति को नहीं बुलाया। अब उद्घाटन समारोह में भी राष्ट्रपति को न बुलाया जाना उनका और आदिवासी समाज का घोर अपमान है। बहिष्कार करने वाली पार्टियों ने ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। टीएमसी और आम आदमी पार्टी का क्या कहना है, ये आप देखिए।
Parliament is not just a new building; it is an establishment with old traditions, values, precedents and rules – it is the foundation of Indian democracy. PM Modi doesn’t get that
For him, Sunday’s inauguration of the new building is all about I, ME, MYSELF. So count us out
— Derek O’Brien | ডেরেক ও’ব্রায়েন (@derekobrienmp) May 23, 2023
संसद भवन के उदघाटन समारोह में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मूर्मू जी को आमंत्रित न करना उनका घोर अपमान है।
ये भारत के दलित आदिवासी व वंचित समाज का अपमान है।
मोदी जी द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को आमंत्रित नही करने के विरोध में @AamAadmiParty उदघाटन कार्यक्रम का बहिष्कार…— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) May 23, 2023
नए संसद भवन को बनाने का आग्रह लोकसभा और राज्यसभा ने 5 अगस्त 2019 को सरकार से किया था। इसकी वजह ये है कि पुराना संसद भवन अब कई जगह से टूटने लगा है। इसके बाद सरकार ने साल 2020 में टाटा प्रोजेक्ट्स को इसे बनाने का काम दिया। 10 दिसंबर 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का शिलान्यास किया था। पहले नए संसद भवन को बनाने में 861 करोड़ रुपए खर्च होने की बात थी, लेकिन ये लागत 1200 करोड़ रुपए हो गई। नया संसद भवन 4 मंजिल का है। इसमें लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। पुराने संसद भवन में लोकसभा के 550 और राज्यसभा के 250 सदस्यों के बैठने की जगह थी। नए संसद भवन में केंद्रीय कक्ष नहीं है। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक लोकसभा में ही कराई जाएगी। इसके अलावा सांसदों के लिए लाउंज, लाइब्रेरी, कई समिति कक्ष, डाइनिंग और पार्किंग की व्यवस्था यहां की गई है।
