नई दिल्ली। कोर्ट की अवमानना केस में वरिष्ठ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में नया हलफनामा दाखिल किया है। साथ ही प्रशांत भूषण ने मामले में एक बार फिर से माफी मांगने भी फिर इनकार कर दिया है। उन्होंने सफाई में कहा है कि उनकी ओर से किया गया ट्वीट अदालत और संविधान की रक्षा के लिए था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के अवमानना के मामले में मंगलवार को सुनवाई होनी है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने भूषण को दो दिन सोचने का समय दिया था कि अगर वह अपने ट्वीट पर दोबारा विचार करना चाहते हैं।
इसके बाद सोमवार को प्रशांत भूषण ने नया हलफनामा दाखिल कर माफी मांगने से फिर इनकार कर दिया है। भूषण ने दो अलग-अलग ट्वीट में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे और चार पूर्व मुख्य न्यायाधीश पर टिप्पणी की थी। उन पर सरकार के साथ मिलकर कोर्ट की गरिमा खत्म करने का आरोप लगाया था।
If I retract a statement before this court that I otherwise believe to be true or offer an insincere apology, that in my eyes would amount to contempt of my conscience & of an institution that I hold in highest esteem: Prashant Bhushan’s supplementary reply in contempt case https://t.co/HDzCm9jhGS
— ANI (@ANI) August 24, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को कोर्ट की अवमानना का दोषी माना है। अब उनको इसकी सजा सुनाया जाना है। सजा सुनने से पहले कोर्ट ने उन्हें आखरी मौका देकर माफी मांगने को कहा था। लेकिन भूषण ने जवाब में कहा कि माफी मांगना गलत होगा। उनका मकसद कोर्ट या किसी जज की छवि खराब करना नहीं था।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने ट्विटर पर न्यायाधीशों को लेकर की गई टिप्पणी के लिए 14 अगस्त को उन्हें दोषी ठहराया था। प्रशांत भूषण ने 27 जून को न्यायपालिका के छह वर्ष के कामकाज को लेकर एक टिप्पणी की थी, जबकि 22 जून को शीर्ष अदालत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे तथा चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को लेकर दूसरी टिप्पणी की थी।