लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष आज यहां उनके सरकारी आवास पर प्रस्तावित यूपी डेटा सेंटर पॉलिसी का प्रस्तुतीकरण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटी सेक्टर में डेटा सेण्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अतः इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए इसकी एक नीति अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि डेटा सेंटर्स की स्थापना के लिए निवेश हेतु प्रस्तावित पॉलिसी को निवेशक फ्रेण्डली बनाया जाए। इसके लिए सभी स्टेकहोल्डर्स से विचार-विमर्श करते हुए पॉलिसी को अंतिम रूप दिया जाए, ताकि इसके क्रियान्वयन में बाद में कोई कठिनाई न आए।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि डेटा सेण्टर पॉलिसी में शासन के हितों का पूरा ध्यान रखते हुए इसे निवेशक फ्रेण्डली बनाया जाए। उन्होंने कहा कि पॉलिसी के तहत निवेशकों को दिए जाने वाले लाभ समय से दिए जाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि डेटा सेण्टर के लिए प्रस्ताव देने वाले निवेशक अपने प्रोजेक्ट को समय से पूरा करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डेटा सेण्टर्स की स्थापना से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होंगे। अतः इस नीति को शीघ्र फाइनल करते हुए इसके तहत निवेश आकर्षित करने के प्रयास किए जाएं।
मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण करते हुए अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास और आईटी आलोक कुमार ने डेटा सेण्टर इण्डस्ट्री, डेटा सेण्टर स्थापित करने के आर्थिक लाभों, प्रस्तावित डेटा सेण्टर पॉलिसी की टाइमलाइन, डेटा सेण्टर पार्क स्थापित करने के लिए दिए जाने वाले प्रोत्साहन तथा इस पॉलिसी के वित्तीय प्रभाव पर विस्तार से प्रकाश डाला।