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Bharat Ratna : लालकृष्ण आडवाणी को उनके घर जाकर भारत रत्न से सम्मानित करेंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी भी रहेंगे मौजूद

Bharat Ratna : आडवाणी जी की उम्र और उनके स्वास्थ्य के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू के साथ गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहेंगे।

नई दिल्ली। बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 31 मार्च को उनके घर पर जाएंगी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहेंगे। आडवाणी जी की अवस्था और उनके स्वास्थ्य के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। भारत रत्न उन विशिष्ट व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने सार्वजनिक सेवा, साहित्य, विज्ञान और कला जैसे विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान दिया है।

भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता 96 वर्षीय लालकृष्ण आडवाणी का राजनीति में कई दशकों का विशिष्ट योगदान रहा है। उन्होंने देश के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन में भी आडवाणी की मुख्य भूमिका रही है। राष्ट्र के लिए आडवाणी की उल्लेखनीय उपलब्धियों और योगदान का सम्मान करने और जश्न मनाने के लिए इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ट्वीट कर लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का एलान किया था। जब आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया था, उस वक़्त वे बहुत भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा था कि आज मैं दो लोगों (पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी) को कृतज्ञतापूर्वक याद करता हूं, जिनके साथ मैंने काम किया है। साथ ही उन्होंने इस सम्मान के लिए राष्ट्रपति द्रौपद्री मुर्मू, पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने अपने परिवार के सभी सदस्यों, अपनी दिवंगत पत्नी कमला के प्रति अपनी गहरी भावनाएं व्यक्त करता हूं। उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी ने बताया था कि, वह बहुत अभिभूत हैं। वह कम बोलने वाले व्यक्ति हैं, लेकिन उनकी आंखों में आंसू थे। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय भी वह बहुत खुश थे। यह उनके जीवन का एक ऐसा सपना था जिसके लिए उन्होंने लंबे समय तक संघर्ष किया। उनका व्यक्तित्व ऐसा है कि जब कोई उनकी तारीफ करता है तो उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं।