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Priyanka Gandhi: प्रियंका गांधी पर चोरी का आरोप, कवि पुष्यमित्र उपाध्याय ने लगाई लताड़, कहा- ‘कविता चोरों से देश क्या उम्मीद रखे’

Priyanka Gandhi: प्रियंका गांधी ने मत्स्यगजेन्द्रनाथ मंदिर में जलाभिषेक कर आरती उतारी मंदाकिनी की जलधारा में बने मंच से महिलाओं से संवाद किया। प्रियंका गांधी ने इस दौरान उन्होंने चित्रकूट के रामघाट पर ‘लड़की हूँ-लड़ सकती हूँ’ संवाद को संबोधित करते हुए महिलाओं से उत्तर प्रदेश को बदहाली से निकालने के लिए लड़ाई में आगे आने की लिए आह्वान किया।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में अपनी पार्टी को मजबूती देने के लिए कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बुधवार (17 नवंबर 2021) को चित्रकूट पहुँची थी। यहां प्रियंका गांधी ने मत्स्यगजेन्द्रनाथ मंदिर में जलाभिषेक कर आरती उतारी मंदाकिनी की जलधारा में बने मंच से महिलाओं से संवाद किया। प्रियंका गांधी ने इस दौरान उन्होंने चित्रकूट के रामघाट पर ‘लड़की हूँ-लड़ सकती हूँ’ संवाद को संबोधित करते हुए महिलाओं से उत्तर प्रदेश को बदहाली से निकालने के लिए लड़ाई में आगे आने की लिए आह्वान किया। प्रियंका ने एक कविता पढ़ते हुए कहा, “बहुत हुआ इंतजार अब, सुनो द्रौपदी शस्त्र उठा लो अब गोविंद ना आएँगे। औरों से कब तक आस लगाओगी…।” अब इसी कविता को लेकर प्रियंका गांधी चोरी के आरोप में घिर गई है।

प्रियंका ने मंच से जिस कविता का संवाद किया उसे लेकर अब इस कविता को लिखने वाले कवि पुष्यमित्र उपाध्याय ने इस पर आपत्ति जताते हुए प्रियंका गाँधी को लताड़ लगाई है। पुष्यमित्र उपाध्याय ने ट्वीट कर लिखा, ”प्रियंका गांधी जी ये कविता मैंने देश की स्त्रियों के लिए लिखी थी न कि आपकी घटिया राजनीति के लिए। न तो मैं आपकी विचारधारा का समर्थन करता हूं और न आपको ये अनुमति देता हूं कि आप मेरी साहित्यिक संपत्ति का राजनैतिक उपयोग करें। कविता भी चोरी कर लेने वालों से देश क्या उम्मीद रखेगा?”

Priyanka Gandhi

इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि महिलाओं को अपनी हालतों में बदलाव लाना है तो उन्हें ख़ुद संघर्ष करना होगा। कॉन्ग्रेस पार्टी हर क़दम पर उन संघर्ष करने वालों के साथ है। प्रियंका गांधी ने महिलाओं से आह्वान किया कि अगले चुनाव में वे आंख मूंद कर महिलाओं को वोट दें। इसके आगे प्रियंका गाँधी ने कहा कि कॉन्ग्रेस ने इसीलिए चुनाव में 40 फ़ीसदी टिकट महिलाओं के नाम करने का ऐलान किया है क्योंकि महिलाएँ ही महिलाओं का दर्द समझ सकती हैं और जब विधानसभा में बड़ी तादाद में महिलाएँ होंगी तो उनके पक्ष में नीतियों को बनाया जाएगा।