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Priyanka Gandhi Vadra: प्रियंका गांधी ने निशंक से कहा, ‘आश्चर्यजनक है कि सीबीएसई परीक्षा आयोजित करेगा’

Priyanka Gandhi Vadra: सीबीएसई बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि वह मई में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को आयोजित करेगा, जिसपर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखा है।

नई दिल्ली। सीबीएसई बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि वह मई में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को आयोजित करेगा, जिसपर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखा है। उन्होंने इसे ‘चौंकाने वाला’ निर्णय बताया है। उन्होंने कहा कि माता-पिता की ओर से इस बारे में ‘आशंका’ व्यक्त किए जाने के बावजूद सीबीएसई ने परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि ये ‘आशंकाएं’ अनुचित नहीं हैं, इसलिए परीक्षा रद्द की जानी चाहिए।

Ramesh Pokhariyal Nishank

उसने अपने पत्र में कहा, “बड़े पैमाने पर और भीड़-भाड़ वाले परीक्षा केंद्रों पर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना व्यावहारिक रूप से असंभव होगा। इसके अलावा, वायरस के प्रसार को देखते हुए, यह सिर्फ उन छात्रों के लिए नहीं है जो जोखिम में होंगे। लेकिन उनके शिक्षक, पर्यवेक्षक और परिवार के सदस्य जो उनके साथ संपर्क में हैं, उनके लिए भी जोखिम है। अगर कोई भी सेंटर होटस्पॉट के रूप में साबित हुआ तो, सरकार और सीबीएसई बोर्ड को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा”


“यह केवल इन बच्चों का शारीरिक स्वास्थ्य नहीं है, बल्कि उनकी मनोविज्ञान के बारे में भी है जिसका गहरा प्रभाव हो सकता है। वे पहले से ही परीक्षा के भारी दबाव का सामना करते हैं, इसके अलावा, वे अब उन परिस्थितियों से डरेंगे जिनमें वे होंगे।”

प्रियंका गांधी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र में लिखा है कि

श्री रमेश पोखरियाल निशंक
शिक्षा मंत्री
भारत सरकार

प्रिय रमेश पोखरियाल जी,

Ramesh Pokhariyal nishank
कोरोना के बढ़ते मामलों एवं उससे पैदा हुई भयावह स्थिति के बीच सीबीएसई द्वारा मई में परीक्षाएं कराने को लेकर निकाला गया सर्कुलर हैरान करने वाला है। पूरे देश में रोजाना कोरोना के लगभग 1 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। ये परीक्षाएं छात्रों का भविष्य निर्धारित करती हैं। इन परीक्षाओं के लिए छात्र कई महीनों तक कड़े परिश्रम के साथ तैयारी करते हैं। देश भर से लाखों छात्रों व अभिवावकों ने कोरोना की इस दूसरी लहर के दौरान परीक्षा हाल में बैठकर परीक्षा देने को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं।

उनके द्वारा जाहिर की गई चिंताएं तार्किक रूप से एकदम सही हैं। परीक्षार्थियों और सहायक स्टाफ से भरे परीक्षा केन्द्रों पर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना काफी मुश्किल होगा। साथ ही साथ कोरोना वायरस की प्रकृति एवं संक्रमण के तरीके को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि इससे शिक्षकों, निरीक्षकों व छात्रों के परिवारों पर भी संक्रमण का खतरा मंडराता रहेगा। अगर कोरोना वायरस संक्रमण की इस भयावह स्थिति में कोई भी परीक्षा केंद्र हॉटस्पॉट बनता है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार व सीबीएसई बोर्ड की होगी। विद्यार्थियों उनके परिवार या शिक्षकों के संक्रमित होने की दशा में क्या सीबीएसई बोर्ड एवं सरकार उसकी कानूनी जवाबदेही लेने के लिए तैयार है?

Priyanka Gandhi

मैं पूरे आदर के साथ आपसे कहना चाहती हूँ कि जनसेवक होने के नाते बच्चों को सुरक्षित रखने एवं उनको सही मार्गदर्शन देने की जिम्मेदारी हमारे कन्धों पर है। जब देश के सारे राज्य भारी संख्या में लोगों के एक जगह पर न एकत्रित होने जैसी गाइडलाइंस निकाल रहे हैं, ऐसे में हम किस तर्क के तहत इन परीक्षाओं को कराने जा रहे हैं। जिन स्थितियों में हम इन छात्रों पर ये परीक्षाएं लाद रहे हैं इससे उनके शारीरिक स्वास्थ्य के साथ- साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। उन पर वैसे ही परीक्षाओं का दबाव रहता है और अब उन्हें एक अतिरिक्त दबाव में परीक्षा देना होगा। मास्क, दस्ताने व सुरक्षा के अन्य उपकरण पहनकर एक खतरनाक वायरस के साये में परीक्षा देने से छात्रों की परीक्षाओं में अपनी प्रतिभा दिखाने की क्षमता पर भी नकारात्मक असर होगा।

वर्तमान परिस्थितियों में छात्रों द्वारा परीक्षाओं को रद्द करने की मांग एकदम सही है। मुझे आशा है कि केंद्र सरकार छात्रों, शिक्षकों, विशेषज्ञों व अभिवावकों के साथ एक संवाद करके मूल्यांकन के वैकल्पिक व सुरक्षित तरीकों को निकाल सकती है। छात्रों को भयावह परिस्थतियों में धकेलने की बजाय उनको मदद, उत्साहवर्धन एवं सुरक्षा देना ज्यादा हितकारी होगा।

धन्यवाद
प्रियंका गांधी वाड्रा