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UP Nikay Chunav: SC में योगी सरकार की बड़ी जीत, निकाय चुनाव में OBC आरक्षण के मुद्दे पर कोर्ट ने दिया ये फैसला

UP Nikay Chunav: इस अधिसूचना में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग शामिल था। लेकिन सरकार की इस सूची के खिलाफ कोर्ट का रूख किया गया। जिस पर कोर्ट ने अपने फैसले में उत्तर प्रदेश सरकार को बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराए जाने का निर्देश दिया था।

नई दिल्ली। निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण मुद्दे पर योगी सरकार की सुप्रीम कोर्ट में बड़ी जीत हुई है। दरअसल, शीर्ष न्यायालय ने निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने के मुद्दे पर इलाहबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर रोक लगा दी है। बता दें कि पिछले साल 28 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को बिना ओबीसी आरक्षण के ही नगर निकाय चुनाव संपन्न कराए जाने का आदेश दिया था। हालांकि, सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर आज फैसला आ चुका है। आइए, आपको पूरा माजरा विस्तार से बताते हैं।

आपको बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सरकार के लिए ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव संपन्न कराए जाने का मार्ग अपने फैसले से प्रशस्त कर दिया है। अब सरकार ओबीसी आरक्षण के साथ नगर निकाय चुनाव करा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन माह के अंदर यह चुनाव कराए जाने का आदेश दिया था। याद दिला दें कि बीते 5 दिसंबर को प्रदेश सरकार की ओर से नगर निकाय चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की गई थी। जिसमें सभी वर्गों को आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था।

CM Yogi Adityanath

इस अधिसूचना में एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग शामिल था। लेकिन सरकार की इस सूची के खिलाफ कोर्ट का रूख किया गया। जिस पर कोर्ट ने अपने फैसले में उत्तर प्रदेश सरकार को बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराए जाने का निर्देश दिया था, जिसके खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया। जिस पर आज फैसला आ चुका है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अन्य पक्षों को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

इन सभी पक्षों को आगामी तीन हफ्ते तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला दिया गया है। हर बिंदु पर गंभीरता से विचार किया गया। हालांकि, इस मामले में आगामी गुरुवार को भी सुनवाई जा रही है। अब ऐसी स्थिति में इस मामले में अन्य पक्ष सहित सुप्रीम कोर्ट का क्या रुख रहता है? कोर्ट के इस फैसले को योगी सरकार की जीत के रूप में देखा जा रहा है? इन सभी मुद्दों पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।