नई दिल्ली। देश मे कोरोना के बढ़ते मामलों पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए उसकी मंशा पर सवाल उठाए हैं। प्रियंका गांधी ने कहा है कि, आखिर जब पहली लहर के बाद कोरोना से निपटने के लिए केंद्र सरकार के पास 8 से 9 महीने का समय था तो सरकार ने इसपर ध्यान क्यों नहीं दिया। उन्होंने कहा कि, केंद्र के खुद सीरो सर्वे यह संकेत दे रहे थे कि दूसरी लहर आएगी लेकिन आपने इसपर ध्यान नहीं दिया। ऑक्सीजन को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा कि, ‘ऑक्सीजन उत्पादन में भारत दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक है, तो फिर यहां इसकी कमी क्यों है? आपके पास कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बीच 8 से 9 महीनों का समय था, तो समय रहते इसपर काम क्यों नहीं किया गया? इसके अलावा प्रियंका गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि, केंद्र विपक्ष से सलाह नहीं लेता और नहीं उसके सुझावों पर चर्चा करता है।
वहीं देश में लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों और स्वास्थ्य व्यवस्था (Health Ministry) की लचर हालत को लेकर प्रियंका गांधी ने सवाल उठाते हुए कहा कि, ‘यह सरकार दुबई में आईएसआई से बात कर सकती है, लेकिन विपक्ष से बात नहीं कर सकती। उनके सुझावों पर चर्चा नहीं कर सकती।’
#WATCH | Congress General Secy Priyanka Gandhi Vadra speaks to ANI, says “This govt can speak to ISI. They’re speaking to ISI in Dubai. Can’t they talk to Opposition leaders? I don’t think there’s any Opposition leader who’s not giving them constructive & positive suggestions…” pic.twitter.com/eTeDztgQu7
— ANI (@ANI) April 21, 2021
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, ‘ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट आज भारत में सिर्फ 2 हजार ट्रक ही कर सकते हैं। मुश्किल ये है कि ऑक्सीजन उपलब्ध है, लेकिन वहां नहीं पहुंच पा रहा जहां उसे पहुंचना चाहिए। पिछले 6 महीनों में 11 लाख रेमेडेसिविर इंजेक्शन का निर्यात किया गया और आज हम किल्लत से जूझ रहे हैं।’
बता दें कि प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार की टीका निर्यात करने को लेकर निशाना साधा है। गौरतलब है कि जनवरी से मार्च के बीच सरकार ने 6 करोड़ कोरोना वैक्सीन निर्यात की। इस समय अवधि के दौरान सिर्फ 3 से 4 करोड़ भारतीयों को ही टीका दिया गया था। ऐसे में प्रियंका गांधी ने कहा कि, भारतीयों को प्राथमिकता क्यों नहीं दी गई?’ उन्होंने कहा, ‘खराब योजनाओं के कारण वैक्सीन की कमी हुई। रेमेडेसिविर की किल्लत इसलिए हुई, क्योंकि केंद्र के पास इसकी कोई योजना नहीं थी, ऑक्सीजन की कमी इसलिए हुई, क्योंकि कोई रणनीति नहीं थी। यह सरकार की विफलता है।’