नई दिल्ली। घरेलू उड़ानों के शुरू होने की घोषणा के बाद अब इंटरनेशनल फ्लाइट की सर्विस भी शुरू होने की बात की जा रही है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने इंटरनेशल फ्लाइट से आने वाले यात्रियों को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिसमें उन्हें 14 दिन तक क्वारंटीन में रखने की शर्त को अनिवार्य बनाया गया है।
इस गाइडलाइन में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से भारत आ रहे यात्रियों को 14 दिनों के लिए क्वारंटीन में रहना होगा। इसमें सात दिनों के लिए उन्हें सरकार की ओर से बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में रखा जाएगा, जिसका खर्च यात्री खुद उठाएंगे। इसके बाद अगले सात दिनों के लिए उन्हें घर पर होम आइसोलेशन में रहना होगा।
Ministry of Health and Family Welfare issues guidelines for international arrivals: 14-day mandatory quarantine- 7 days institutional quarantine at own cost followed by 7 days of home isolation pic.twitter.com/RWGataVm1m
— ANI (@ANI) May 24, 2020
मतलब साफ हो गया है कि अब विदेश यात्रा कर वापस अपने देश आ रहे लोगों के क्वारंटीन में रहने का खर्च सरकार वहन नहीं करेगी। ऐसे में यात्रा करनेवालों को अपना खर्च खुद उठाना होगा।
इस गाइडलाइन में कहा गया है कि इंटरनेशनल फ्लाइट बोर्ड करने से पहले यात्रियों को एक शपथ पत्र देना होगा कि वो यात्रा पूरी होने के बाद 14 दिनों के क्वारंटीन में रहेंगे। इसमें सात दिनों के लिए उन्हें अथॉरिटी की ओर से बनाए गए क्वारंटीन सेंटर में रहना होगा, जिसका खर्च सरकार नहीं उठाएगी। अगले सात दिनों के लिए उन्हें घर पर आइसोलेशन में रहना होगा, जिस दौरान उन्हें लगातार अपने हेल्थ की मॉनिटरिंग करते रहना होगा।
लोगों को क्वारंटीन सेंटर में रहने की शर्त में कुछ स्थितियों में ही छूट मिलेगी। प्रेग्नेंसी, परिवार में किसी की मौत, गंभीर बीमारी या फिर 10 साल से छोटे बच्चों के माता-पिता को होम आइसोलेशन में रहने की शर्त के साथ क्वारंटीन सेंटर में रहने की शर्त से मुक्ति मिल सकती है। हालांकि, सबका अपने फोन में आरोग्य सेतु ऐप रखना अनिवार्य होगा।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को लेकर जारी किए गए नियम कुछ यूं हैं
-सभी यात्रियों के फोन में आरोग्य सेतु ऐप का इंस्टॉल होना अनिवार्य है।
– यात्रियों को टिकट के साथ ही एयरलाइंस/बुकिंग एजेंसी की ओर से ‘Dos and Donts’ की लिस्ट दी जाएगी।
– बोर्डिंग से पहले थर्मल स्क्रीनिंग होगी और ऐसे ही यात्रियों को बोर्डिंग की अनुमति दी जाएगी, जो स्क्रीनिंग पास करेंगे।
– वहीं अगर फ्लाइट के अलावा ग्राउंड या फिर समुद्री यात्रा करके बॉर्डर क्रॉस कर कोई भी बाहर से आता है, तो उसके लिए भी यही प्रोटोकॉल फॉलो किए जाएंगे, स्क्रीनिंग में पास होने वाले लोगों को ही सीमा में प्रवेश करने दिया जाएगा।
– किसी भी माध्यम से यात्रा कर देश की सीमा में प्रवेश कर रहे लोगों को एक सेल्फ-डेक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा. इसकी एक कॉपी हेल्थ और इमिग्रेशन अधिकारियों को दी जाएगी. इस फॉर्म को आरोग्य सेतु ऐप पर भी उपलब्ध कराया जाएगा।
– एयरपोर्ट और फ्लाइट्स का उचित सैनिटाइजेशन होता रहेगा, वहीं यात्रियों को एयरपोर्ट और फ्लाइट में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। एयरलाइन स्टाफ और एयरपोर्ट अथॉरिटी इस बात का पूरा ध्यान रखेंगे कि यात्री मास्क-ग्ल्व्स पहनने और अपनी रेस्पिरेटरी हाइजीन का ख्याल रख रहे हैं। यात्रियों को खुद इन बातों को लेकर सतर्क रहना होगा।
– अराइवल पर हर यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग में कोई भी लक्षण पाए जाने पर हेल्थ प्रोटोकॉल के तहत उन्हें तुरंत आइसोलेट किया जाएगा और तुरंत मेडिकल फैसिलिटी ले जाया जाएगा।
-बाकी यात्रियों को उनके संबंधित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से बनाए गए इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन सेंटर में रखा जाएगा। इन्हें कम से कम सात दिनों तक के लिए यहां रखा जाएगा। इनकी ICMR के प्रोटोकॉल के तहत टेस्टिंग और इलाज किया जाएगा।
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी रविवार को घरेलू-अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की नई गाइडलाइन को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने 14 दिनों के अनिवार्य क्वारंटीन रहने के नियम का जिक्र किया और बताया कि स्क्रीनिंग में कोई लक्षण न दिखाने वाले यात्रियों को भी सलाह दी जाएगी कि वो अगले 14 दिनों तक अपने हेल्थ की मॉनिटरिंग करते रहें और अगर उन्हें कोई लक्षण दिखाई देता है तो अथॉरिटी से संपर्क करें।