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विपक्ष ने संसद में पूछा लॉकडाउन के समय कितने प्रवासी मजदूरों की जान गई? सरकार बोली- हमें नहीं पता!

सरकार(Government) से लिखित में सवाल करते हुए कोरोना संकट के दौरान सरकार क्या कदम उठाए गए, इसकी जानकारी मांगी गई। इन सवालों के जवाब में केंद्र सरकार की तरफ से मंत्री संतोष कुमार गंगवार(Santosh Kumar Gangwar) ने लिखित जवाब दिया

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत आज से हो गई है। सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने केंद्र सरकार से लॉकडाउन को लेकर सवाल किया कि जब देश में लॉकडाउन लागू था तो उस दौरान कितने प्रवासी मजदूरों की जान गई थी। इसको लेकर केंद्र सरकार ने जवाब दिया कि इसकी कोई सटीक जानकारी या डाटा नहीं उपलब्ध नहीं है।

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बता दें कि विपक्ष के कुछ सांसदों ने लॉकडाउन के दौरान हुई प्रवासी मजदूरों की मौत के आंकड़े को लेकर सवाल किया था। जिसपर सरकार ने कहा कि उनके पास ऐसा डाटा नहीं है। संसद में सवाल किए गए कि क्या सरकार प्रवासी मजदूरों के आंकड़े को पहचानने में गलती कर गई, क्या सरकार के पास ऐसा आंकड़ा है कि लॉकडाउन के दौरान कितने मजदूरों की मौत हुई है क्योंकि हजारों मजदूरों के मरने की बात सामने आई है। इसके अलावा सवाल पूछा गया कि क्या सरकार ने सभी राशनकार्ड धारकों को मुफ्त में राशन दिया है, अगर हां तो उसकी जानकारी दें।

Loksabha Question

सरकार से लिखित में सवाल करते हुए कोरोना संकट के दौरान सरकार क्या कदम उठाए गए, इसकी जानकारी मांगी गई। इन सवालों के जवाब में केंद्र सरकार की तरफ से मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लिखित जवाब दिया, जिसमें कहा गया है कि भारत ने एक देश के रूप में केंद्र-राज्य सरकार, लोकल बॉडी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। मौत के आंकड़ों को लेकर सरकार का कहना है कि उनके पास ऐसा कोई डाटा नहीं है।

Lockdown

वहीं, राशन के मसले पर मंत्रालय की ओर से राज्यवार आंकड़ा उपलब्ध ना होने की बात कही है। लेकिन 80 करोड़ लोगों को पांच किलो अतिरिक्त चावल या गेहूं, एक किलो दाल नवंबर 2020 तक देने की बात कही गई है। इससे अलग सरकार की ओर से लॉकडाउन के वक्त गरीब कल्याण योजना, आत्मनिर्भर भारत पैकेज, EPF स्कीम जैसे लिए गए फैसलों की जानकारी दी गई है।