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Rahul Gandhi: राहुल गांधी के संसद सदस्यता बहाल किए जाने के फैसले को SC में दी गई चुनौती, याचिकाकर्ता ने दी ये दलीलें

Rahul Gandhi: सुप्रीम कोर्ट से मोदी उपनाम मामले में राहत मिलने के बाद राहुल गांधी अब आगामी लोकसभा चुनाव में वायानाड से अपनी किस्मत आजमा सकेंगे, लेकिन आपको बता दें कि बीते दिनों मीडिया से बातचीत के दौरान उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आगामी लोकसभा चुनाव में राहुल के अमेठी से चुनाव लड़ने की जानकारी सार्वजनिक की थी, लेकिन स्मृति ईरानी ने इस पर तंज भी कसा था।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल किए जाने के मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले वकील अशोक पांडे ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर राहुल की संसद सदस्यता बहाल करने को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि संसद या विधानसभा का कोई भी सदस्य जनप्रतिनिधित्व की धारा 151 के तहत अपनी सदस्यता खो देता है, तो उसकी सदस्यता तब तक बहाल नहीं की जाती, जब तक की निचली अदालत की ओर से उसे मामले में बरी नहीं किया जाता है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इस पूरे मामले में कोर्ट का क्या रुख रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि बीते 7 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को मोदी उपनाम मामले ने बरी कर दिया था।

इसके बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी की गई अधिसूचना के जरिए उनकी सदस्यता बहाल करने की जानकारी सार्वजनिक की गई थी। इसके बाद कांग्रेस नेता को उनका अपना सरकारी आवास भी मुहैया कराया गया था। सुप्रीम कोर्ट से मोदी उपनाम मामले में राहत मिलने के बाद राहुल गांधी अब आगामी लोकसभा चुनाव में वायानाड से अपनी किस्मत आजमा सकेंगे, लेकिन आपको बता दें कि बीते दिनों मीडिया से बातचीत के दौरान उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने आगामी लोकसभा चुनाव में राहुल के अमेठी से चुनाव लड़ने की जानकारी सार्वजनिक की थी, लेकिन स्मृति ईरानी ने इस पर तंज भी कसा था, मगर अब जिस तरह से राहुल की संसद सदस्यता के बहाल किए जाने के मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, उसे लेकर आागमी दिनों में कोर्ट का रुख कैसा रहता है। यह राहुल के राजनीतिक करियर के लिहाज से अहम हो जाता है।

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बता दें कि बीते दिनों सूरत की निचली अदालत ने मोदी उपनाम मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता रद कर दी गई थी। दरअसल, जनप्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक, जब किसी राजनेता को दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद सदस्यता रद कर दी जाती है। ऐसा ही कुछ बीते दिनों राहुल गांधी के साथ भी हुआ था। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।