नई दिल्ली। कोरोना महासंकट के चलते देश में चल रहे लॉकडाउन के कारण लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गृह नगर से दूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। ऐसे में इन मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए सरकार की तरफ से स्पेशल श्रमिक ट्रेन चलाई जा रही हैं। इस बीच भारतीय रेलवे कुछ कारणों से विवादों में भी आ गया, जिसे लेकर अब भारतीय रेलवे ने सफाई दी है।
भारतीय रेलवे के मुताबिक, वह प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य पहुंचाने के लिए मजदूरों को टिकट नहीं बेच रहा, ना ही उनसे किराया वसूल कर रहा है।बल्कि, यह किराया राज्य सरकारों से वसूला जा रहा है। भारतीय रेलवे राज्य सरकारों से इन मजदूरों को उनके गृह नगर तक पहुंचाने के लिए कुल लागत का सिर्फ 15 प्रतिशत मानक किराया वसूल रहा है।
मंत्रालय ने कहा कि वह प्रवासियों को मुफ्त खाना और बोतलबंद पानी उपलब्ध करा रहा है। सूत्रों के अनुसार रेलवे ने कहा, ‘हम श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रहे हैं और सामाजिक दूरी को बनाए रखते हुए हर कोच में बर्थ को खाली रख रहे हैं। गंतव्य से ट्रेनें खाली वापस आ रही हैं। रेलवे प्रवासियों को मुफ्त खाना और बोतलबंद पानी मुहैया करवा रहा है।’
Railways is charging only standard fare for this class from State Governments which is just 15% of the total cost incurred by Railways. Railways is not selling any tickets to migrants and is only boarding passengers based on lists provided by States: Railway Ministry Sources https://t.co/TiPKcBBTHZ
— ANI (@ANI) May 4, 2020
बता दें कि रेलवे किराया वसूली को लेकर देश में राजनीति तेज हो गयी जब सोशल मीडिया पर टिकटों की तस्वीरें साझा होनी शुरू हो गई। सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ये ऐलान कर दिया कि मजदूरों का रेलवे किराया कांग्रेस वहन करेगी। इसके साथ ही सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर कई आरोप लगाए।