जयपुर। ‘कांग्रेस का हाथ आतंक के साथ’ का आरोप बीजेपी लगातार लगाती है। इस आरोप को लगाने की वजह अब तक ये रही है कि कई बार पाकिस्तान की भाषा में कांग्रेस के नेता बोलते हैं। अब कांग्रेस ऐसी भाषा बोलने के बाद खुलेआम देशविरोधी ताकतों के साथ खड़ी होती दिख रही है। कांग्रेस की राजस्थान सरकार ने देशविरोधी गतिविधियों में शामिल संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI के आज होने वाले मार्च को मंजूरी दी है। इसपर बीजेपी ने फिर कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है। पीएफआई का ये मार्च कोटा में होने जा रहा है। कोटा के सेवेन वंडर्स से नयापुरा स्टेडियम तक होने वाले मार्च का जो पोस्टर संगठन ने जारी किया है, उसमें उसके तमाम नेताओं के अलावा सांसद और अजमेर दरगाह के सज्जादा नशीन सैयद सरवर चिश्ती तक की फोटो लगी है। सवाल ये उठ रहे हैं कि अगर कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार न चाहती, तो भला देशविरोधी गतिविधियों में शामिल पीएफआई को मार्च की मंजूरी किस तरह मिलती।
कांग्रेस का हाथ फिर से आतंकी प्रवृत्ति वाली , CAA दंगाई PFI के साथ
राजस्थान में PFI को free run बड़ा मार्च करने के लिए – यह इजाज़त क्यूँ? वो भी NIA designated hate group को ?
बार बार कांग्रेस टुकड़े गैंग के साथ
कर्नाटका में भी कांग्रेस ने SDPI के साथ गठबंधन किया था https://t.co/xGVWZ1moem pic.twitter.com/JZbUnznwyC
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) February 17, 2022
बीजेपी ने इस मार्च को मंजूरी मिलने पर सवाल खड़े किए हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने संगठन के पोस्टर पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कांग्रेस का हाथ फिर से आतंकी प्रवृत्ति के साथ दिख रहा है। सीएए कानून के खिलाफ दंगा फैलाने वाले पीएफआई के साथ कांग्रेस है। उन्होंने सवाल उठाया है कि राजस्थान में उस पीएफआई को आखिर मार्च निकालने की इजाजत क्यों मिली, क्योंकि ये संगठन नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी NIA की तरफ से विद्वेष फैलाने वाले ग्रुप के तौर पर चिन्हित किया गया है। शहजाद ने कहा है कि हर बार कांग्रेस, टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ दिखती है। उन्होंने कांग्रेस पर ये कहते हुए हमला बोला है कि कर्नाटक में भी कांग्रेस ने अलगाववादी मानसिकता वाले एसडीपीआई के साथ गठबंधन किया था।
बता दें कि पीएफआई केरल का संगठन है और वहां लगातार अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। इस संगठन ने ही सीएए कानून के खिलाफ दिल्ली समेत जगह-जगह हुए हिंसात्मक आंदोलनों को शह दी थी। इस संगठन के दफ्तरों पर पिछले दिनों ईडी ने छापे मारे थे। जिसमें पता चला था कि पीएफआई के कर्ताधर्ताओं का अरब देशों से रिश्ता है और उन्होंने वहां कई प्रॉपर्टी खरीदी हैं। दिल्ली में भी संगठन के दफ्तरों पर छापे पड़े थे और वहां से देशविरोधी तमाम दस्तावेज भी मिलने की खबर आई थी।