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Rajasthan: दर्जी की हत्या के अलावा 4 साल में हिंसा की 5 और घटनाएं, ये है कांग्रेस सरकार में राजस्थान का हाल

हर घटना के बाद सीएम गहलोत ने हर बार दावा किया कि सरकार सख्त है और ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा। फिर भी ठोस कदम नहीं उठाए गए। आंकड़ों की बात करें, तो पिछले 4 साल में राजस्थान में सांप्रदायिक हिंसा की 6 बड़ी घटनाएं हुई हैं।

जयपुर। अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान में सांप्रदायिक हिंसा की तमाम घटनाएं तो हुई ही, अब हत्या भी होने लगी है। हर घटना के बाद सीएम गहलोत ने हर बार दावा किया कि सरकार सख्त है और ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा। फिर भी ठोस कदम नहीं उठाए गए। आंकड़ों की बात करें, तो पिछले 4 साल में राजस्थान में सांप्रदायिक हिंसा की 6 बड़ी घटनाएं हुई हैं। और अब उदयपुर में एक हिंदू टेलर का कत्ल तक कर दिया गया। ताजा घटना के बाद गहलोत ने इस मामले को बीजेपी की ओर खिसकाने की कोशिश की। उन्होंने खुद की सरकार की नाकामी मानने की जगह कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को देश को संबोधित कर हिंसा की घटनाओं की निंदा करनी चाहिए।

Rajasthan karauli

राजस्थान में कांग्रेस सरकार के दौर में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को सिलसिलेवार देखा जाए, तो बीते कल यानी मंगलवार को उदयपुर में टेलर का काम करने वाले कन्हैयालाल को दो लोगों ने मार डाला। वजह ये थी कि उनके 8 साल के बेटे ने सोशल मीडिया पर बीजेपी की प्रवक्ता रहीं और पैगंबर के बारे में कथित विवादित टिप्पणी करने वाली नूपुर शर्मा के पक्ष में पोस्ट किया था। इससे पहले की घटनाओं की बात करें, तो इसी साल 2 मई को गहलोत के गृहनगर जोधपुर में परशुराम जंयती के मौके पर जमकर हिंसा हुई थी। उससे पहले 2 अप्रैल को राजस्थान के करौली में हिंदू नववर्ष के मौके पर बाइक रैली के दौरान एक समुदाय ने हिंसा की थी। इसमें 40 से ज्यादा लोग घायल हुए थे और तमाम दुकानों को फूंक दिया गया था।

jodhpur communal tension 1

19 जुलाई 2021 को झालावाड़ में दो समुदायों के बीच हिंसा भड़की थी। घरों, दुकानों और गाड़ियों में आगजनी हुई थी। पुलिस ने तब 200 लोगों पर केस किया था। वहीं, 11 अप्रैल 2021 को बारां जिले के छाबड़ा में दो युवकों की हत्या के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी। यहां भी जमकर पथराव और आगजनी की गई थी। 24 सितंबार 2020 को डूंगरपुर में एक आंदोलन के दौरान हिंसा और आगजनी हुई थी। जिसमें 35 पुलिसवाले घायल हुए थे। ये हालांकि सांप्रदायिक हिंसा नहीं थी। सांप्रदायिक हिंसा की एक और घटना 8 अक्टूबर 2019 को टोंक में हुई थी। दशहरा जुलूस निकालने के दौरान मालपुरा कस्बे में पथराव के बाद हिंसा भड़की थी। दूसरे जिलों से तब यहां हालात संभालने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी थी।