नई दिल्ली। रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में सर्विस स्टाफ के ड्रेस कोड को लेकर चल रही आलोचना के बाद आईआरसीटीसी ने ड्रेस कोड बदलने का फैसला लिया है। संत समाज के दबाव और जनता के बीच हो रही आलोचना को देखते हुए आईआरसीटीसी ने ड्रेस कोड बदलने का फैसला लिया है। इस मामले में आईआरसीटीसी की ओर से इस मामले में एक बयान जारी करके कहा गया कि सर्विस स्टाफ की पेशेवर पोशाक को पूरी तरह से बदल दिया गया है। इस असुविधा के लिए खेद है। सूत्रों की मानें तो रामायण एक्सप्रेस में वेटरों को गेरुआ वस्त्र पहनाने के मामले में उज्जैन के अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री डॉ. अवधेश पुरी ने विरोध किया था। जिसे लेकर उन्होंने रेलवे मंत्रालय को पत्र भी लिखा था। उनका कहना था कि भगवान श्री राम सबके आराध्या हैं और वे साधु संतों की बहुत आदर करते थे, लेकिन जिस तरीके से रामायण एक्सप्रेस में गेरुआ वस्त्र धारी वेटरों को प्रोजेक्ट किया गया, यह बेहद गलत है।
वहीं इस मामले में आईआरसीटीसी का कहना है कि इस बार ऐसी पहली रामायण एक्सप्रेस ट्रायल के तौर पर 7 नवंबर को चलाई गई है। जो फुल बुकिंग के साथ रवाना हुई है, इससे उत्साहित होकर अब दूसरी रामायण एक्सप्रेस ट्रेन भी जल्द ही चलाई जाएगी। कहा जा रहा है कि 12 दिसंबर को अगली रामायण एक्सप्रेस ट्रेन चलेगी। अगली रामायण एक्सप्रेस 12 दिसंबर को दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से शुरू होकर रामेश्वरम तक जाएगी।
तेलंगाना राज्य में स्थित भद्राचलम को भी दक्षिण का अयोध्या कहा जाता है। बताया जाता है कि इस ट्रेन का पहला हाल्ट अयोध्या में होगा, जहां तीर्थ यात्रियों को इस बार श्री राम जन्म भूमि और हनुमान मंदिर के अलावा नंदीग्राम स्थित भारत मंदिर के भी दर्शन कराए जाएंगे।