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UP: गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले मुर्तजा अब्बासी की खबर मीडिया घरानों के फ्रंट पेज से गायब, उठे सवाल

Gorakhnath Mandir: राजधानी दिल्ली के जामिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Islamia University) के बाहर प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग करने वाले गोपाल शर्मा को गिरफ्तार किया गया था जिसको लेकर सभी अखबारों और टीवी चैनलों ने बड़ी प्रमुखता से खबर दिखाई थी। कई अखबरों ने तो इसे फ्रंट पेज पर बड़ी तस्वीर के साथ छापी थी।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर स्थिति गोरखनाथ मंदिर में उस वक्त हड़कंप मचा गया जब एक शख्स द्वारा सुरक्षाकर्मियों पर हमले की खबर सामने आई। बताया जा रहा है कि अहमद मुर्तजा अब्बासी नाम के युवक ने मंदिर परिसर में जबरन घुसने की कोशिश की। इस दौरान उसने धार्मिक नारे भी लगाए। वहीं रोके जाने पर मुर्तजा अब्बासी ने मंदिर की सुरक्षा में लगे पीएसी जवानों पर हमला बोल दिया और उनकी राइफल छीनने की भी कोशिश की। नाकाम रहने पर उसने जवानों पर धारदार हथियार से हमला किया। इससे दो जवान भी घायल हुए। मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर ये वारदात हुई। इसका वीडियो भी सामने आया है। हमले में घायल जवानों ने ही आरोपी मुर्तजा अब्बासी को धर दबोचा लिया।

वहीं रविवार को हुई इस घटना को लेकर अब कई मीडिया संस्थानों पर सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि किसी भी बड़े प्रमुख अखबारों और मीडिया चैनलों ने गोरखपुर की घटना को महज एक छोटी सी वारदात बताकर प्रमुखता नहीं दी। इस खबर को कई बड़े अखबारों ने छोटी न्यूज बताकर बीच में कही पब्लिश कर दी। लेकिन जब राजधानी दिल्ली के जामिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia Islamia University) के बाहर प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग करने वाले गोपाल शर्मा को गिरफ्तार किया गया था जिसको लेकर सभी अखबारों और टीवी चैनलों ने बड़ी प्रमुखता से खबर दिखाई थी। कई अखबरों ने तो इसे फ्रंट पेज पर बड़ी तस्वीर के साथ छापी थी।

Gopal Sharma

देखा जाए तो जब घटना दिल्ली में घटी थी तो इसे बड़ा चढ़ाकर दिखाया जा रहा था। पूरे दिन इसको लेकर चर्चा होती रही। वहीं जब रविवार को गोरखपुर में एक मुस्लिम युवक धारदार हथियार लहराते हुए मंदिर के अंदर घुस जाता है, तो इसे छोटी घटना बताकर दबाने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि गोरखपुर में पकड़ा गया आरोपी मुस्लिम युवक है, जबकि दिल्ली में जामिया के बाहर फायरिंग करने वाला गोपाल शर्मा हिंदू युवक था और अब इस खबर को धार्मिक एंगल से भी जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इससे मीडिया का दोहरा मापदंड सामने आता है। वहीं गोरखपुर मंदिर में हुई घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का रोष भी दिख रहा है। साथ ही कई यूजर्स मुर्तजा अब्बासी की खबर को मीडिया घरानों के फ्रंट पेज से गायब होने पर सवाल भी उठा रहे है।

बता दें कि योगी सरकार ने इस मामले की जांच यूपी एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (UP ATS) को सौंप दी  है। अब यूपी एटीएस ने इस पूरी वारदात के हर पहलू की जांच शुरू भी कर दी है।