नई दिल्ली। अगर आप पत्रकारिय जगत की हस्तियों के बारे में जानने की दिलचस्पी रखते हैं, तो शायद ही ऐसा होगा कि आपने राणा अयूब का नाम न सुना है। जी हां..वही राणा अयूब जो हर छोटे-बड़े मसलों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रहती है, जो खुद को मुस्लिमों को संरक्षक बताने से नहीं थकतीं हैं, जिनके जेहन में यह फितुर घर कर चुका है कि मोदी राज में अल्पसंख्यकों का जीना बेहाल हो चुका है। वही राणा अयूब जिसके खिलाफ बीते दिनों में प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी करोड़ों की संपत्ति कुर्क कर ली थी। अब उसी राणा अयूब को लेकर खबर है कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अब अब आप सोच रहे होंगे कि यूं तो इस साहिबान के खिलाफ बेशुमार विधिक मसले चल रहे हैं, तो ऐसे में जरा ये भी बताने की जहमत करिए कि आखिर उन पर किस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। तो आपको बताते चलें कि बीते राणा अयूब ने बीबीसी वर्ल्ड को हिजाब विवाद के मसले पर एक इंटरव्यू दिय़ा था, जिसमें उन्होंने अपने दिल में घर कर चुकी भड़ासों की दरिया ही बहा दी।
यूं तो उन्होंने बेशुमार मसलों को लेकर अपनी दिल की भड़ास निकालकर खुद को हल्का किया, लेकिन इस बीच उनकी जुबां से कुछ ऐसा प्रवाहित हो गया, जिसने उन्हें अब एफआईआर की चौखट पर लाकर खड़ा कर दिया। दरअसल, उन्होंने इंटरव्यू के दौरान भगवाधारियों को आतंकवादी की संज्ञा दे दी थी। यही नहीं, राणा अयूब ने तो यह भी कहने से कोई गुरेज नहीं किया था कि जय श्री राम का नाम लागने वाले हिंदू आतंकवादी हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर उन्होंने यह टिप्पणी किस संदर्भ में की थी। दरअसल, राणा अयूब कर्नाटक के कॉलेज में मुस्लिमों छात्रों के हिजाब पहनकर कॉलेज जाने में प्रवेश को लेकर उपजे विवाद के संदर्भ में अपनी राय दे रही थी। जिसमें उन्होंने भगवाधारियों को आतंकवादियों की संज्ञा दे दी।
I have registered Online FIR with @CPMumbaiPolice @MumbaiPolice & @MahaCyber1 Against Alleged Journalist “Rana Ayyub” for a Venomous and inflammatory statement against Karnataka Students with Saffron Flags. pic.twitter.com/1tewPLr6kQ
— ADV. ASHUTOSH J. DUBEY ?? (@AdvAshutoshBJP) February 16, 2022
उन्होंने जहां संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देकर मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने को वाजिब ठहराया, लेकिन अफसोस वह यह बताना भूल गई कि हर शिक्षण संस्थान का अपना एक ड्रेस कोड निर्धारित किया गया है, जिसका अनुपालन करने के लिए प्रत्येक छात्र छात्राएं बाध्य हैं और एक प्रबुद्ध नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्तव्य बनाता है कि हम सरकार द्वारा निर्धारित किए गए नियमों का पालन करें।
इसके अलावा राणा अयूब ने मोदी सरकार पर आक्षेप लगाते हुए कहा कि बीजेपी शासनकाल में भारत में मुस्लिमों और ईसाइयों की दुर्गति अपने चरम पर पहुंच चुकी है। उन पर अनवरत हमले के मामले में सामने आते रहते हैं, लेकिन प्रशासन कार्रवाई करना तो दूर संज्ञान तक लेने की जहमत नहीं उठाता है। बता दें कि बीते दिनों राणा अयूब के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन मामले के तहत कार्रवाई करते हुए करोड़ों की संपत्ति कुर्क की थी। दरअसल, राणा ने यह संपत्ति अपने द्वारा संचालित किए जा रहे एनजीओ के नाम पर प्राप्त की थी, लेकिन अफसोस इन पैसों को इन्होंने सही जगह पर इस्तेमाल न करते हुए अपने निजी हित में उपयोग किया।