नई दिल्ली। मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है। भागवत ने कहा कि धर्म को कट्टरपंथ के रास्ते पर नहीं लाना चाहिए। हिंदुस्तान में लोकतंत्र, नियम-कानून हैं। भागवत ने आगे कहा कि अपने आप को आभाव में वंचित स्थिति में उपस्थिति कर रहे है हमारे सामने वो प्रकट हो रहा है भगवान और वो कह रहा है आपने पाप धोने के लिए पुण्यवान बनने के लिए तुम्हारा जीवन यशस्वी हुआ होगा। लेकिन उसको सर्थक करने के लिए, सफल तुम हो अर्थपूर्ण बन जाओ। ये हमारे भारत की कल्पना है इसके बाद और हमारी सभा में अंहकार नहीं देखा। जिनकी हम सेवा करते वो कभी लाचार नहीं रह जाते है उनको कई कुछ लेने नहीं पड़ता। लेने वालों के देने वाले बनाते है।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, ”भारत की दृष्टि, लोगों की परिस्थिति, संस्कार, संस्कृति, विश्व के बारे में विचार, इन सभी के आधार पर भारत का विकास होगा। अगर विश्व से कुछ अच्छा आएगा तो उसे लेंगे मगर हम प्रकृति और अपने शर्तो के अनुसार लेंगे।”
भारत की दृष्टि, लोगों की परिस्थिति, संस्कार, संस्कृति, विश्व के बारे में विचार, इन सभी के आधार पर भारत का विकास होगा। अगर विश्व से कुछ अच्छा आएगा तो उसे लेंगे मगर हम प्रकृति और अपने शर्तो के अनुसार लेंगे: RSS प्रमुख मोहन भागवत, मुंबई
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2022
मोहन भागवत ने कहा, ”जो धर्म मनुष्य को सुविधा संपन्न और सुखासीन बनाता है मगर प्रकृति को नष्ट करता है, वो धर्म नहीं है। उसी का अनुकरण अमेरिका और चीन को देखकर भारत करेगा तो ये भारत का विकास नहीं है। विकास होगा मगर भारत चीन और अमेरिका जैसा बनेगा।”
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— ABP News (@ABPNews) December 18, 2022