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Satyapal Malik: बार-बार विवाद क्यों खड़ा करते हैं सत्यपाल मलिक?

Satyapal Malik: मेघालय से पहले सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर, गोवा, ओडिशा और बिहार के राज्यपाल भी रह चुके हैं। इस दौरान भी सत्यपाल मलिक ने कई बार विवादित बयान दिए। इससे पहले सत्यपाल मलिक के बयान पर उस समय विवाद हुआ, जब उन्होंने कहा कि कहा था कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग जायज है।

नई दिल्ली। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक एक बार फिर बयान देकर नया विवाद पैदा करने की कोशिश की है। इस बार सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात पर विवादित बयान दिया है। इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर सत्यपाल मलिक की काफी आलोचना हुई है और उनके बयान पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। बाद में सत्यपाल मलिक ने अपने बयान पर सफाई भी दी है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि बार-बार विवाद खड़ा करके सत्यपाल मलिक संवैधानिक लक्ष्मण रेखा को क्यों लांघ रहे हैं? क्या राज्यपाल जैसे बड़े संवैधानिक पद रहकर हल्की बयानबाजी सत्यपाल मलिक की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े नहीं करती है?

मेघालय से पहले सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर, गोवा, ओडिशा और बिहार के राज्यपाल भी रह चुके हैं। इस दौरान भी सत्यपाल मलिक ने कई बार विवादित बयान दिए। इससे पहले सत्यपाल मलिक के बयान पर उस समय विवाद हुआ, जब उन्होंने कहा कि कहा था कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग जायज है। सत्यपाल मलिक ने ये भी कहा था कि अगर समय रहते किसानों की बात नहीं मानी गई तो भाजपा हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश को गंवा देंगे। इन राज्यों में भाजपा चुनाव हार जाएगी। सवाल ये है कि क्या किसी राज्य के राज्यपाल को बीजेपी के जीत-हार की राजनीतिक भविष्यवाणी करनी चाहिए?

जब सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल थे, उस समय भी उनके एक दावे पर काफी विवाद हुआ था। सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की गई थी। उन्हें अंबानी और आरएसएस से जुड़े व्यक्ति की फाइलों को मंजूरी देने के लिए ये ऑफर दिया गया था। लेकिन उन्होंने यह डील कैंसिल कर दी।

गोवा से राज्यपाल पद से हटाए जाने पर भी सत्यपाल मलिक ने विवादित बयान दिया था। सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया कि गोवा के राज्यपाल के पद से उन्हें इसलिए हटा दिया गया, क्योंकि उन्होंने कोरोना की रोकथाम के लिए गोवा सरकार की आलोचना की थी और सरकार पर आरोप लगाए थे। सत्यपाल मलिक के विवादित बयानों को देखकर, ये समझ पाना मुश्किल है कि आखिर वो किस रणनीति के तहत, इस तरह का विवाद खड़ा कर रहे हैं ? विवादित बयानों से सत्यपाल मलिक को क्या फायदा होगा ये तो भविष्य बताएगा लेकिन एक बात तो तय है कि बार-बार विवादित बयान देकर सत्यपाल मलिक ने राज्यपाल जैसे उच्च संवैधानिक पद की मर्यादा को आघात पहुंचाने का काम तो किया है।