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Ritu Maheshwari : मुश्किल में फंसी ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी, 18 साल पुराने मामले में 1 महीने की सजा, गिरफ्तारी वारंट जारी

Ritu Maheshwari : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने मित्रा को जमीन आवंटित नहीं की, जिसके बाद मित्रा ने याचिका दायर की थी।18 दिसंबर 2006 को जिला फोरम ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया।

नई दिल्ली। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबरों के अनुसार एक प्लॉट आवंटी और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के बीच चल रहे मुकदमे में जीएनआईडीए की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितु माहेश्वरी को एक महीने की जेल की सजा सुनाई गई है साथ ही उनकी गिरफ्तारी का ऑर्डर भी जारी किया गया है। आपको बता दें कि माहेश्वरी को गिरफ्तार करने का वारंट गौतमबुद्ध नगर पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह को जारी किया गया है। करीब 18 साल से चल रहे इस मामले में शनिवार को जिला उपभोक्ता फोरम ने ये ऑर्डर दिए हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक महेश मित्रा नाम के व्यक्ति ने 2001 में जमीन के एक प्लॉट के आवंटन के लिए आवेदन किया था। हालांकि, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने मित्रा को जमीन आवंटित नहीं की, जिसके बाद मित्रा ने याचिका दायर की थी।18 दिसंबर 2006 को जिला फोरम ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया। जिला उपभोक्ता फोरम ने GNIDA को आदेश दिया कि मित्रा को उसकी आवश्यकता के अनुसार 1,000 से 2,500 वर्ग मीटर के बीच का प्लॉट आवंटित किया जाए, जिस पर GNIDA के नियम और शर्तें लागू रहेंगी।

गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को भी मामले की पूरी कानूनी फीस अदा करने का आदेश दिया था। इसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने राज्य उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा सुनाए गए आदेश के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील दायर की। 21 दिसंबर 2010 को राज्य उपभोक्ता आयोग ने इस अपील पर फैसला सुनाया। राज्य आयोग ने फैसला सुनाया कि मित्रा द्वारा विकास प्राधिकरण के पास जमा की गई 20,000 रुपये की पंजीकरण राशि वापस कर दी जाएगी। यह राशि छह जनवरी, 2001 को जमा की गई थी और छह प्रतिशत ब्याज भी छह जनवरी, 2001 से भुगतान की तिथि तक देना होगा। राज्य आयोग के इस फैसले से विकास प्राधिकरण को बड़ी राहत मिलने की खबर है।