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क्या कांग्रेस के एक और युवा नेता भी करनेवाले हैं पार्टी से बगावत, ये हैं इसके संकेत…

जिस तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया के संबंध लगातार बिगड़ रहे थे ठीक वैसे ही संबंध सचिन पायलट का भी राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ देखने को मिलता रहता है।

नई दिल्ली। अभी तो कांग्रेस को झटका देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा का दामन थामा ही था कि कांग्रेस में सचिन पायलट के सुर भी बदले-बदले नजर आने लगे हैं। हालांकि कमलनाथ के साथ जिस तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया के संबंध लगातार बिगड़ रहे थे ठीक वैसे ही संबंध सचिन पायलट का भी राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ देखने को मिलता रहता है। सचिन पायलट लगातार सरकार के गठन के बाद से ही अशोक गहलोत के फैसलों पर सवाल उठाते रहे हैं और पार्टी हाईकमान को लगातार नसीहत देते रहे हैं।

Ashok Gehlot Sachin Pilot

कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी से अलग होने को लेकर सचिन पायलट ने जो कहा है उससे कांग्रेस आलाकमान बुरी तरह परेशान है। सचिन पायलट ने कहा है कि सिंधिया का पार्टी से अलग होना दुखद है। चीजें पार्टी के अंदर ही सुलझाई जा सकती थी। राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सिंधिया के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा।

sachin pilot and jyotiraditya scindia

सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट खुद सिंधिया के स्टैंड से सहानुभूति रखते हैं। उनका मानना है कि सिंधिया के साथ मध्य प्रदेश में वहीं अन्याय हुआ है जो उनके साथ राजस्थान में हुआ है। सिंधिया के इस्तीफे के बाद बीजेपी की ओर से उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार भी बना दिया गया। सचिन पायलट ने ट्वीट करते हुए लिखा “ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस से अलग होते देखना दुखद है। काश चीजों को पार्टी के अंदर ही साथ मिलकर सुलझा लिया गया होता।”


आपको पता होगा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने चुनाव जीतने के बाद कमलनाथ को केन्द्र की राजनीति से उठाकर राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया था। यह तब हुआ जब सिंधिया की अगुवाई में ही कांग्रेस ने पूरा प्रचार अभियान चलाया था। इसी तरह राजस्थान में भी सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे, पर उनकी जगह अशोक गहलोत को राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया गया। इसी वजह से सिंधिया की तरह पायलट भी कई मौकों पर अपनी पार्टी के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।

Sachin pilot

वहीं एक खबर और आ रही है कि कांग्रेस ने राजस्थान से राज्यसभा उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए थे और उनकी अधिकारिक घोषणा होने ही वाली थी कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने पेंच फंसा दिया और तय नाम को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने अपनी नाराजगी भी जता दी। पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने राजस्थान से दो नामों को लेकर अपनी सहमति दी थी जिनमें एक नाम तो कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल का है और दूसरा नाम नीरज डांगी का है जो राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के महासचिव हैं।

ashok gehlot and rahul gandhi

डांगी का नाम सामने आते ही प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट सक्रिय हो गए और उन्होंने डांगी का विरोध शुरू करते हुए अपनी ओर से दूसरा नाम सोनिया गांधी को भेजा है। वो नाम है कुलदीप इंदौरा का। जो प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष और श्रीगंगानगर के जिला अध्यक्ष पद का काम कर चुके है। पायलट ने इन्दौरा को राज्यसभा का टिकट देने की मांग की है। इधर डांगी और इन्दौरा के नामों में कुछ समानता भी है। दोनों नेता राजस्थान प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। डांगी तीन बार विधानसभा चुनाव हार चुके है तो इन्दौरा भी दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। डांगी के पिता दिनेशराय डांगी राजस्थान सरकार में मंत्री रह चुके है और इन्दौरा के पिता हीरालाल इन्दौरा भी गहलोत सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे हैं। दोनों नेता अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं।