नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में सियासी सूरमाओं के मध्य बयानबाजी करके सुर्खियों में रहने की होड़, तो मची ही रहती है और यह सब इसी होड़ का तो नतीजा है कि कभी कोई सुर्खियों में रहता है तो कभी कोई। खैर, अब इसी सुर्खियों की जद्दोजहद के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ सलमान खुर्शीद एक मर्तबा फिर पीके के संदर्भ में की गई अपनी टिप्पणी को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने यह ट्वीट राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के संदर्भ में किया है जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘”पीके कांग्रेस कार्यकर्ताओं की लोकतांत्रिक पसंद पर सवाल उठाने के लिए देवत्व का उपयोग करते हैं।
यह हमें बताता है कि राजनीति के बारे में कॉपी बुक ज्ञान मानव आचरण को प्रभावित नहीं करता है। राजनीति केवल चुनाव जीतने के बारे में नहीं है। पीके के लिए सबक: देवत्व विश्वास के बारे में है। लोकतंत्र विश्वास के बारे में है। अन्य लोग लोकतांत्रिक पसंद के लिए स्क्रिप्ट नहीं लिख सकते हैं। अगर लोकतांत्रिक विकल्प समझ में नहीं आता है, तो स्कूल वापस जाएं और नए सिरे से शुरू करें। शायद आस्था और विश्वास को अलग-अलग करना भाजपा को जवाब होगा।”
PK has curious take on democracy. He uses divinity to question democratic choice of Congress workers. This tells us that copy book wisdom about politics does not factor human conduct. Politics is not ONLY about winning elections. But how does commerce know?
— Salman Khurshid (@salman7khurshid) December 3, 2021
बता दें कि उन्होंने यह ट्वीट विगत गुरुवार को राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा राहुल गांधी के संदर्भ में किए गए ट्वीट पर प्रतिक्रिया के रूप में कही है। उन्होंने राहुल गांधी के संदर्भ में किए गए अपने ट्वीट में कहा, ‘”कांग्रेस जिस विचार और स्थान का प्रतिनिधित्व करती है, वह एक मजबूत विपक्ष के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन कांग्रेस का नेतृत्व किसी व्यक्ति का दैवीय अधिकार नहीं है, खासकर जब पार्टी पिछले 10 वर्षों में 90 प्रतित से अधिक चुनाव हार गई हो। विपक्षी नेतृत्व को लोकतांत्रिक तरीके से तय करने दें।” उन्होंने ट्वीट से साफ जाहिर होता है कि उन्होंने राहुल गांधी को आड़े हाथों लेने का प्रयास किया है। वहीं राहुल गांधी पर हमला होते देख सलमान खुर्शीद ने फौरन मोर्चा संभाल लिया। विदित हो कि भारतीय राजनीति में हमेशा से कांग्रेस को उसकी वंशावाद की राजनीति को लेकर आड़े हाथों लिया जाता रहा है।